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'भूकंप से बच गए, लेकिन ठंड-भूख से मर जाएंगे', खौफ के 58 घंटे, 11 हजार मौतें... तुर्की में सड़कों पर रात बिता रहे लोग

तुर्की में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद सैकड़ों आफ्टरशॉक आए. ऐसे में लोग भूकंप के 58 घंटों के बाद भी खौफ में हैं. लोग घर जाने को तैयार नहीं हैं. उन्हें डर है कि कहीं फिर से भूकंप न आ जाए और उनकी इमारत गिर जाए. यही वजह है कि लोगों ने लगातार दूसरी रात सड़कों पर बिताई.

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तुर्की और सीरिया में भूकंप से 9500 की मौत
तुर्की और सीरिया में भूकंप से 9500 की मौत

तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 9 हजार के पार हो गई है. दोनों देशों में अब तक 11 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. राहत और बचाव का काम जारी है. रेस्क्यू में जुटे बचावकर्मियों ने मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है. बचावकर्मियों का दावा है कि अभी भी सैकड़ों परिवार इमारतों के मलबों में दबे हैं. 

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तुर्की में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद सैकड़ों आफ्टरशॉक आए. ऐसे में लोग भूकंप के 58 घंटों के बाद भी खौफ में हैं. लोग घर जाने को तैयार नहीं हैं. उन्हें डर है कि कहीं फिर से भूकंप न आ जाए और उनकी इमारत गिर जाए. यही वजह है कि लोगों ने लगातार दूसरी रात सड़कों पर बिताई. सर्दी के बावजूद रात में लोग सड़कों पर या अपनी कारों में सोए. 

तुर्की में भूकंप प्रभावित कई इलाकों में अभी भी मदद नहीं पहुंच पाई है. इसे लेकर लोगों में गुस्सा भी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्ताकिया शहर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. यहां 64 साल की महिला मेलक ने कहा कि हमें कहीं रेस्क्यू टीम नजर नहीं आ रही. न टेंट हैं और न फूड ट्रक. उन्होंने कहा कि हम भूकंप से तो बच गए, लेकिन सर्दी और भूख से मर जाएंगे. हमें कहीं भी खाना मिलता नहीं दिख रहा. 

 

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फोटो- रॉयटर्स

तुर्की में भूकंप से अब तक 6,957 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप में तबाह हुईं इमारतों से शव मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. वहीं पड़ोसी सीरिया में मरने वालों की संख्या 2500 हो गई है.   

10 प्रांतों में इमरजेंसी का ऐलान

तुर्की के 10 प्रांतों में 3 महीने तक इमरजेंसी का ऐलान किया गया है. यहां सभी स्कूलों को 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं सभी सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बनाया गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने बताया कि अब तक 70 देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने कहा कि यह तुर्की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी आपदा है. तुर्की में 10000 कंटेनर को शेल्टर बनाने की तैयारी की गई है. तुर्की में मई में चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति इरदुगान कई प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं.

 

तुर्की और सीरिया में 11000 से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं. इनमें घर, स्कूल, सरकारी दफ्तर, अपार्टमेंट शामिल हैं. इसके चलते हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. 

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रेस्क्यू में आ रहीं दिक्कतें

भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया में कई जगहों पर बिजली और फ्यूल का भी संकट पैदा हो गया है. इतना ही नहीं सड़कें भी तबाह हो गई हैं, ऐसे में रेस्क्यू टीमों को प्रभावित इलाकों में पहुंचने में काफी मशक्कत उठानी पड़ रही है. इतना ही नहीं ठंड, बर्फबारी और बारिश के चलते रेस्क्यू में भी दिक्कत हो रही है.

भूकंप से 2.3 करोड़ लोग प्रभावित

WHO ने तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई है. WHO ने तुर्की और सीरिया में 20 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है. इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दोनों देशों में 2.3 करोड़ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं. 

 

 

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