
3 मार्च 1974... तुर्किश एयरलाइन्स (Turkish Airlines) की फ्लाइट संख्या 981 ने इस्तांबुल के येसिल्कोय एयरपोर्ट (Istanbul Yeşilköy Airport) से लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे (London Heathrow Airport) के लिए उड़ान भरी. लेकिन यह एक डायरेक्ट फ्लाइट नहीं थी. इसे हीथ्रो से पहले पेरिस के ओर्ले एयरपोर्ट (Orly Airport) पर भी रुकना था.
फिर यहीं से उसे कुछ पैसेंजर्स को लेकर हीथ्रो के लिए उड़ान भरनी थी. सुबह सात बजकर 57 मिनट पर इस फ्लाइट ने उड़ान भरी. फिर दोपहर के दो बजे यह फ्लाइट पेरिस के ओर्ले एयरपोर्ट (Orly Airport) पर लैंड हुई. यहां कुछ पैसेंजर्स को लेने के बाद यह फ्लाट हीथ्रो के लिए रवाना हुई. उस समय विमान में 335 यात्री और 11 क्रू मेंबर्स सवार थे.
टेकऑफ करते ही फ्लाइट पश्चिम की तरफ मुड़ते हुए लंदन की तरफ रवाना हुई. ATC ने इस फ्लाइट को 23 हजार फीट ऊपर जाने की इजाजत दे दी. जैसे ही प्लेन 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचा तो अचानक उसके कार्गो सेक्शन में जोरदार धमाका हुआ. उस वक्त यह फ्लाइट मेऔक्स शहर के ऊपर से गुजर रहा था.
6 यात्री उड़ते विमान से बाहर जा गिरे
धमाके के बाद कार्गो सेक्शन का दरवाजा उखड़कर अलग हो गया और नीचे जा गिरा. जिसके बाद अंदर की सारी हवा बाहर निकलने लगी. प्लेन में बैठे 6 यात्री हवा के प्रेशर के कारण फ्लाइट से बाहर जा गिरे और उनकी मौत हो गई. कार्गो सेक्शन में हुआ यह धमाका इतना जोरदार था कि प्लेन के स्टेबलाइजर में जितनी भी केबल थीं वो सारी टूट गईं और प्लेन का हाइड्रोलिक सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया.
साथ ही प्लेन के स्टेबलाइजर ने भी काम करना करना बंद कर दिया. इससे प्लेन पूरी तरह कंट्रोल से बाहर हो गया. पायलट प्लेन को बचाने की पूरी कोशिश करने लगा. लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर पाया. देखते ही देखते यह प्लेन नोज डाइव करते हुए तेजी से नीचे गिरने लगा. यह विमान 783 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नीचे गिर रहा था.
सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की हो गई मौत
धमाके के बाद एक मिनट में ही यह प्लेन एरमेनोविले फोरेस्ट (Ermenonville Forest) में गिरकर क्रैश हो गया. प्लेन हजारों टुकड़ों में बंट गया और उसमे भीषण आग लग गई. इस हादसे में सभी पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स जिंदा ही जलकर मर गए. यह हादसा इतना भीषण था कि डेड बॉडीज की पहचान कर पाना भी मुश्किल हो गया था.
हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने पहले ब्लैकबॉक्स बरामद किया. ब्लैकबॉक्स की रिकॉर्डिंग से जब पता चला कि कार्गो सेक्शन में धमाके के बाद ही यह हादसा हुआ तो इसका कारण पता लगाने की कोशिश की गई. जब इसका जवाब सामने आया तो सबके होश उड़ गए. चलिए जानते हैं यह हादसा के पीछे की असल वजह.
क्या था हादसे का असल कारण?
बता दें, हर प्लेन में प्रेशराइज हवा भरी जाती है ताकि जब विमान ज्यादा ऊंचाई पर पहुंचे तो उसमे सवार यात्रियों को सांस लेने में किसी तरह की परेशानी न हो. क्योंकि अधिक ऊंचाई पर हवा सांस लेने लायक नहीं होती. जांच टीम ने पता लगाया कि जब प्लेन पेरिस में रुका था तो उस समय वहां कोई भी ग्राउंड इंजीनियर मौजूद नहीं था. इसलिए प्लेन के कार्गो सेक्शन में पैसेंजर्स का सामान रखने के बाद बैगेज हैंडलर मोहम्मद महमूदी (Mohammed Mahmoudi) ने कार्गो डोर को बंद किया.
लेकिन उन्हें अंग्रेजी भाषा नहीं आती थी. इस कारण वे इंग्लिश में लिए डोर इंस्ट्रक्शन्स को पढ़ नहीं सके. उन्होंने डोर को अपनी तरफ से तो बंद कर दिया. लेकिन डोर में लगी पिन उसमें अच्छे से नहीं लग पाई थी. वहीं, डोर में जब दरवाजा बंद हो जाता है तो उसमें एक लाइट जलती है, वो दरवाजा बंद होने के बाद अपने आप बंद हो जाती है.
अच्छे से लॉक नहीं हुआ था दरवाजा
जब दरवाजा लगाते ही वो बत्ती बंद हो गई तो मोहम्मद को लगा कि डोर अच्छे से लॉक हो गया है. जबकि, वह लॉक हुआ नहीं था. उन्होंने कन्फरमेशन के लिए उसे चेक भी नहीं किया. फिर फ्लाइट ने टेकऑफ कर दिया. प्लेन का डोर बाहर की ओर खुलता था.
इसलिए प्रेशराइज हवा के कारण वह दरवाजा खुल गया और प्लेन में जोरदार धमाका हो गया. इस कारण प्लेन के स्टेबलाइजर की केबल भी टूट गईं और प्लेन आउट ऑफ कंट्रोल हो गया.
मेंटेनेंस कंपनी की लापरवाही
इस घटना के बाद ही प्लेन के लॉकिंग सिस्टम को अपग्रेड किया गया. देखा जाए तो इस दरवाजे में ही कुछ गड़बड़ी थी. हादसे से पहले ही इसकी मेंटेनेंस का जिम्मा McDonnell Douglas कंपनी को दिया गया था. लेकिन उन्होंने लापरवाही दिखाई और इसे ठीक नहीं किया. जिसका खामियाजा 346 लोगों को अपनी जान देकर भरना पड़ा. इसी हादसे के बाद कंपनी ने सभी प्लेन के दरवाजों के डिजाइन को चेंज कर दिया ताकि दोबारा ऐसा हादसा न हो सके.