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'इस्लामिक देश एकजुट होकर...', विकासशील मुस्लिम देशों के संगठन में एर्दोगन ने की ऐसी अपील

मिस्र की राजधानी काहिरा में विकासशील मुस्लिम देशों के संगठन D8 का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने मुस्लिम देशों से एक अपील की है. उन्होंने मध्य-पूर्व में 'इजरायल की बढ़ती आक्रामकता' पर बात की है.

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रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट होने को कहा है (Photo- Reuters)
रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट होने को कहा है (Photo- Reuters)

विकासशील मुस्लिम देशों के संगठन डी-8 में बोलते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि मध्य-पूर्व में इजरायल की आक्रामता बढ़ रही है जिसे रोकने के लिए इस्लामिक देशों को साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी देशों को इजरायल के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और वैश्विक स्तर पर उसे अलग-थलग कर देना चाहिए.

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मिस्र की राजधानी काहिरा में आयोजित डी-8 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए एर्दोगन ने कहा कि क्षेत्र में इजरायल की बढ़ती आक्रामकता को लेकर उसे जवाबदेह ठहराने के लिए उस पर हथियार प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और उसके साथ व्यापार रोक देना चाहिए.

सीरिया में बशर अल असद की सरकार गिरने के साथ ही इजरायल ने गोलान हाइट्स के बफर जोन वाले इलाके पर अपना कब्जा जमा लिया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी.

इजरायल के इस कदम की निंदा करते हुए एर्दोगन ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि इजरायल ने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है. उसने गोलान हाइट्स में अपनी अवैध बस्तियों का विस्तार भी किया है.'

एर्दोगन ने आगे कहा, 'इस्लामिक देशों के रूप में, हमें इजरायल के खिलाफ उठाए जा सकने वाले कदमों का नेतृत्व करना चाहिए.' तुर्की के राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामिक देशों का एकजुट रुख क्षेत्रीय स्थिरता और मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए जरूरी है.

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उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि डी-8 को सीरिया की स्थिरता और हमारे क्षेत्र के लिए खतरा पैदा करने वाली अराजकता का अधिक मजबूती से जवाब देना चाहिए.'

डी-8 विकासशील मुस्लिम देशों बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, ईरान, मलेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान और तुर्की का संगठन है जिसमें आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होती है.

असद के पतन के बाद सीरिया पर जारी हैं इजरायल के हमले

इजराइल ने हाल के दिनों में सीरिया में हवाई हमले तेज कर दिए हैं और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. 8 दिसंबर को असद के पतन के बाद से इजरायल सीरिया पर हमले कर रहा है जिसे सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन बताया जा रहा है.

इजरायली सरकार ने सीरिया के साथ 1974 के हुए समझौते को भी रद्द कर दिया है जिसके तहत इजरायली कब्जे वाले गोलान हाइट्स में एक असैन्य बफर जोन की स्थापना की गई थी.

अब इजरायली सेना ने बफर जोन में अपनी सेना तैनात कर दी है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र और कई अरब देशों ने निंदा की है. गोलान हाइट्स सीरियाई क्षेत्र है जिस पर 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के बाद से इजरायल का कब्जा है.

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