तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइल देने की जो बाइडेन प्रशासन की अनुमति बहुत बड़ी गलती है. हाल ही में बाइडेन प्रशासन ने रूस के अंदर दूर तक हमला करने के लिए यूक्रेन को बैलेस्टिक मिसाइल देने की घोषणा की है. इसे लेकर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि अमेरिका बड़ी गलती कर रहा है जो दुनिया को एक बड़े युद्ध की कगार पर खड़ा कर देगा.
जो बाइडेन ने सत्ता से जाने से ठीक दो महीने पहले यूक्रेन को लंबी दूरी की ATACMS मिसाइल्स देने का ऐलान किया. इससे पहले यूक्रेन की मांग के बावजूद अमेरिका ऐसा करने से बचता रहा था. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद बाइडेन प्रशासन की नीति में बड़ा बदलाव आया और यूक्रेन को मिसाइल्स देने की बात सामने आई.
इस खबर पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मंगलवार को रूस ने कहा कि अगर यूक्रेन रूस के अंदर हमला करने के लिए अमेरिका की बैलेस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल करता है तो वो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी पीछे नहीं हटेगा.
'अमेरिका नहीं चाहता कि युद्ध कभी खत्म हो'- तुर्की के राष्ट्रपति
रूस के बाद अब अमेरिका के कदम पर तुर्की के राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया सामने आई है. ब्राजील में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से लौट रहे एर्दोगन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का यह कदम न केवल संघर्ष को बढ़ाएगा बल्कि इसके जवाब में रूस भी गंभीर प्रतिक्रिया देगा... इससे क्षेत्र और दुनिया एक बड़े युद्ध की कगार पर खड़ी हो जाएगी.'
उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस फैसले को युद्ध को बढ़ावा देने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस फैसले के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि युद्ध कभी खत्म न हो और यह इसका दायरा बढ़ता रहे.
'बारूद के ढेर को आग में डालने जैसा अमेरिका का फैसला...'
उन्होंने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक डिक्री पर हस्ताक्षर किया जिसमें अगर रूस पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला होता है तो वह परमाणु हथियार से हमला करेगा, भले ही वो पारंपरिक हथियारों से ही क्यों न हो.
उन्होंने कहा, 'इस बड़ी गलती के आधार पर की गई थोड़ी सी भी गलती...बारूद के ढेर को आग में डालने के जैसी होगी, इसलिए मैं सभी को सावधान रहने की सलाह देता हूं.'
रूस और यूक्रेन, दोनों ही देशों के साथ तुर्की के दोस्ताना संबंध हैं. युद्ध के दौरान तुर्की ने यूक्रेन को ड्रोन भी दिए हैं लेकिन वो रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का साथ देने से दूर रहा है.