एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के प्रोफेसर ने एक अध्ययन में कहा है कि ट्विटर पर विचारपूर्ण संदेशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रभावशाली ऑनलाइन ब्रांड बनने में मदद की है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने उन्हें टेक्नोलॉजी की समझ रखने वाले नेता के तौर पर उभरने में मदद की.
ताजा अध्ययन में यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन में एसोसिएट प्रोफेसर जयजीत पाल ने कहा है कि मोदी की सोशल मीडिया छवि इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गई, क्योंकि उन्होंने परंपरागत मीडिया को एक तरह से छोड़ दिया.
सीधे वोटरों से होती है बात
जयजीत ने अपनी स्टडी में पांच साल की अवधि में किए गए मोदी के 6,000 से अधिक ट्वीट का विश्लेषण किया है. उन्होंने कहा, 'ट्विटर पर संदेशों की विचारपूर्ण संरचना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रभावशाली ऑनलाइन ब्रांड बनने में, उन्हें उनके समस्या खड़ी करने वाले अतीत से बाहर आने में और प्रौद्योगिकी की समझ रखने वाले ऐसे नेता के तौर पर उभरने में मदद की. एक ऐसा नेता जो अपने मतदाताओं से सीधे बात करता है.'
'मोदी को सुनना है तो सोशल मीडिया पर जाएं'
उन्होंने आगे कहा कि मोदी भारत के अब तक के ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में उभरे हैं, जो सबसे अधिक इंटरेक्टिव है. जयजीत ने कहा, 'आप चाहे एक नागरिक हों, अखबार के संवाददाता हों या फिर टेलीविजन चैनल के संवाददाता हों. अगर आप मोदी को सुनना चाहते हैं तो कृपया सोशल मीडिया फीड पर जाएं.' जयजीत का अध्ययन 'इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली' में प्रकाशित हुआ है.
'जेंटल रूलर हो गए हैं मोदी'
उन्होंने आगे कहा है कि प्रधानमंत्री की राय के लिए सोशल मीडिया फीड प्रमुख स्रोत बन गया है. जयजीत ने कहा कि भारत के नेता के तौर पर उनका लहजा बदलकर एक 'जेंटल रूलर' वाला हो गया है, जो अधिक सराहनीय है और उनके शब्द प्रेरणादायी होते हैं.
ट्विटर ने स्टडी को बताया प्राइड एंथम
ट्विटर पर लोगों द्वारा स्टडी को भारत के प्राइड एंथम के तौर पर देखा जा रहा है. इस शोध में पिछले चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रचार में आए मूलभूत बदलाव का भी जिक्र है. मोदी इस प्रचार के केंद्र बिंदु थे.
जयजीत ने कहा, 'परंपरागत रूप से बीजेपी का एक मजबूत पार्टी दर्शन रहा है और नेता हमेशा दूसरे स्थान पर रहा, चाहे वह कितना भी मजबूत क्यों न हो. इन चुनावों में सोशल मीडिया की पूरी बहस ही मोदी के बारे में थी, न कि पार्टी के बारे में.'
सेल्फी विद मोदी की भी चर्चा
उन्होंने कहा कि इसका एक बेहतर उदाहरण 'सेल्फी विद मोदी' अभियान है. लोगों ने मतदान केंद्रों पर अपनी अंगुली पर लगाई गई मतदान की स्याही का निशान दिखाते हुए मोदी के कटआउट्स के साथ सेल्फी ली और हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए इन तस्वीरों को पोस्ट किया.
हर ट्वीट कम से कम 1000 बार रीट्वीट
जयजीत के मुताबिक, हैशटैग का उपयोग करने के इस नए तरीके से फॉलोवरों को नेता की पहल में सीधे योगदान और भागीदारी करने का अहसास हुआ और यह एक राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर का अनूठा उपयोग था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर @narendramodi पर पोस्ट किए गए हर ट्वीट पर रीट्वीट होता है और कम से कम 1000 बार इसे पसंद किया जाता है.
गैर विवादित ट्वीट करते हैं पीएम
जयजीत ने कहा कि भारत अमेरिका की तरह नहीं है, जहां सरकार के प्रमुख के संवाददाता सम्मेलन में नियमित नजर आने की उम्मीद हो. उन्होंने कहा कि संदेश देने के लिए अपने खुद के सोशल मीडिया का उपयोग कर मोदी सकारात्मक और गैर विवादित ट्वीट करते हैं और अपने संदेश को नियंत्रित कर लेते हैं.