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ट्विटर ने किया पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता का अकाउंट सस्पेंड

ट्विटर की ओर से हुई इस कार्रवाई पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कहा जा रहा है कि डॉक्टर फैजल अपने ट्विटर हैंडल से कुलभूषण जाधव केस की लगातार जानकारी साझा कर रहे थे. कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई इस समय हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चल रही है. साथ ही उन पर यह भी आरोप है कि कश्मीर के बारे में भी लगातार टिप्पणी कर रहे थे.

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सांकेतिक तस्वीर (ट्विटर)
सांकेतिक तस्वीर (ट्विटर)

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पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की अपनी मुहिम में जुट गया है और ताबड़तोड़ सबूतों के साथ पाक के आतंकपरस्त होने की जानकारी दुनिया के अन्य देशों को सौंप रहा है, लेकिन इस बीच माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का निजी ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया है.

ट्विटर ने मंगलवार रात पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैजल का निजी ट्विटर हैंडल सस्पेंड कर दिया है. मीडिया में आई खबरों में मुताबिक पाकिस्तान के विदेश विभाग (एफओ) के प्रवक्ता डॉक्टर फैजल के निजी ट्विटर हैंडल (@DrMFaisal) को निलंबित कर दिया गया है.

हालांकि ट्विटर की ओर से हुई इस कार्रवाई पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कहा जा रहा है कि डॉक्टर फैजल अपने ट्विटर हैंडल से कुलभूषण जाधव केस की लगातार जानकारी साझा कर रहे थे. कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई इस समय हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चल रही है. साथ ही उन पर यह भी आरोप है कि कश्मीर के बारे में भी लगातार टिप्पणी कर रहे थे.

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इससे पहले पाकिस्तान ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव उसकी धरती पर आतंकी और विध्वंसक गतिविधि में संलिप्त था, जो कि भारतीय नीति की वास्तविक अभिव्यक्ति है. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने कहा कि आजादी के बाद से ही भारत, पाकिस्तान को बर्बाद करने की नीति चला रहा है और यह पिछले कुछ सालों में यह कई रूपों और अभिव्यक्तियों के जरिए सामने आई है.

मंसूर खान ने सुनवाई के दौरान यह भी आरोप लगया कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के अधिकारी हैं और रॉ ने उन्हें बलूचिस्तान पर हमला करवाने के लिए भेजा था. उन्होंने कहा कि उनका नाम एफआईआर में उनकी गतिविधियों के लिए उसकी न्यायिक स्वीकारोक्ति से पहले से है.,

इससे एक दिन पहले भारतीय वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा था कि जाधव के मुकदमे में कोई सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, इसलिए उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए. भारत के पूर्व सॉलीस्टिर जनरल साल्वे ने कहा कि जासूसी के लिए जाधव को हिरासत में रखना 'गैर-कानूनी' है.

भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के मामले में पाकिस्तान स्थित मिलिट्री कोर्ट ने 2 साल पहले 2017 में अप्रैल में मौत की सजा सुनाई थी. और इस फैसले के खिलाफ भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी. पाक ने जासूसी के आरोप में मार्च, 2016 में बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया था.

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