बांग्लादेश की एक अदालत ने धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर अहमद रजीब हैदर की हत्या के जुर्म में गुरुवार को दो छात्रों को मौत की सजा सुनाई. जबकि प्रतिबंधित अंसाररुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख समेत छह व्यक्तियों को अलग-अलग अवधियों के लिए कैद की सजा सुनाई गई.
करीब तीन साल पहले यहां एक ब्लॉगर की हत्या कर दी गई थी. स्पेशल ट्रायल ट्रिब्यूनल-3 के जस्टिस सैयद अहमद ने सात मुजरिमों की उपस्थिति में अपना फैसला सुनाया. जिन दो व्यक्तियों के लिए मौत की सजा सुनाई गई है, उनमें से एक फरार चल रहा है.
किसे कितनी सजा और कितना जुर्माना
जस्टिस ने एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों मोहम्मद फैजल बिन नयेम उर्फ द्वीप और फरार रेदवानुल आजाद को मौत की सजा सुनाई. उन पर 10-10 हजार टका का जुर्माना भी लगाया गया. 'डेली स्टार' की खबर के मुताबिक, मकसुदाल हसन उर्फ अनीक को उम्रकैद और 10 हजार टका जुर्माना, मोहम्मद एहसान रेजा उर्फ रुम्मान, नयेम सिकदर उर्फ इराज व नफीस इम्तियाज को दस-दस साल कैद और 5-5 हजार टका जुर्माना लगाया गया है.
...इसलिए की थी हत्या
इसके अलावा सदमान यासिर महमूद को तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है और दो हजार टका जुर्माना लगाया गया. जांच अधिकारी ने आरोप पत्र में कहा कि इन छात्रों ने नास्तिक ब्लॉगरों की हत्या करने को ठानी थी. उन्होंने रजीब को उनके ब्लॉग को लेकर निशाना बनाया. रजीब की 15 फरवरी 2013 को मीरपुर में उनके घर के निकट ही हत्या कर दी गई थी.