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UAE ने किया ये बड़ा बदलाव, भारतीयों को भी होगा फायदा

UAE New Labour Law: यूएई ने प्राइवेट सेक्टर्स के कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए एक नया कानून बनाया है. इस कानून के तहत नियोक्ता को नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट में ही तमाम जानकारी कर्मचारी से साझा करनी होगी. यूएई इस कदम में विदेशी कामगारों को देश में आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है.

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यूएई ने नया लेबर कानून लागू किया है (Photo- AFP)
यूएई ने नया लेबर कानून लागू किया है (Photo- AFP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूएई ने लागू किया नया श्रमिक कानून
  • अब श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच होगी अधिक पारदर्शिता
  • कॉन्ट्रैक्ट में नियोक्ता को देना होगी तमाम जानकारी

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नया श्रम कानून दो फरवरी से लागू हो गया है. संशोधित श्रम कानून का प्रारूप पिछले साल नवंबर में UAE की सरकार ने पेश किया था.

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नया कानून कामगारों को और अधिकार देता है और ऐसे कई विकल्प भी प्रदान करता है, जो पहले के श्रम कानून में नहीं थे. इस नए कानून से यूएई में काम करने वाले भारतीय श्रमिकों पर भी असर पड़ेगा. कहा जा रहा है कि कानून में बदलाव से वहां काम करने में उन्हें आसानी होगी.

यूएई की कुल आबादी में अभी 40% भारतीय हैं. अबू धाबी में भारतीय दूतावास के मुताबिक, यूएई में 35 लाख भारतीय रहते हैं. इनमें से बड़ा हिस्सा प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में काम करता है. नए कानून के लागू होने से भारतीय कामगारों को राहत की उम्मीद है.

यूएई में अब श्रमिकों के अधिकारों के लिए 2021 का संघीय डिक्री कानून संख्या 33 लागू हो चुका है. पहले श्रमिकों के लिए 1980 का संघीय कानून संख्या 8 काम करता था.

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इस संशोधित कानून के तहत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं के बीच संबंधों के अलग-अलग पहलुओं की व्याख्या की गई है.

वर्क परमिट (विदेश में काम करने के लिए परमिट) के प्रकार

UAE के मानव संसाधन मंत्री डॉ. अब्दुल रहमान बिन अब्दुल मनन अल अवार ने कहा है कि नया कानून यूएई के श्रम बाजार को वैश्विक श्रम बाजारों के अनुरूप बनाएगा. इस बदलाव से यूएई में श्रमिकों को काम करने में आसानी होगी और सेवा शर्तें भी उनके हक में होंगी.

इस कानून में दोनों पक्षों के अधिकारों की सुरक्षा और गारंटी का प्रावधान है. इससे UAE में कुशल विदेशी प्रतिभा को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि नए कानून में श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को कॉन्ट्रैक्ट के कई विकल्प दिए गए हैं. कानून ने 12 प्रकार के वर्क परमिट और छह प्रकार के वर्क पैटर्न प्रदान किए हैं, जिनके तहत दोनों पक्षों के बीच काम का कॉन्ट्रैक्ट बनाया जाएगा.

कॉन्ट्रैक्ट में लिखी होंगी नौकरी से जुड़ी सभी बातें

मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नए कानून के तहत कॉन्ट्रैक्ट में श्रमिक, उनके नियोक्ता और काम की प्रकृति के बारे में पूरी जानकारी शामिल होनी चाहिए. कॉन्ट्रैक्ट में काम के घंटे और वीकेंड का भी उल्लेख होना चाहिए.
 
मानव संसाधन मंत्रालय के अनुसार, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट में शामिल होने वाली बातें हैं- नौकरी की प्रकृति, काम शुरू करने की तिथि, काम की जगह, वीकेंड, काम के घंटे, परिवीक्षा (Probation), कॉन्ट्रैक्ट की अवधि, वेतन (लाभ और भत्ते सहित), वार्षिक अवकाश, नोटिस पीरियड और कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति की प्रक्रिया.

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तीन सालों का होगा कॉन्ट्रैक्ट

यूएई के वकील और अली मुसाबा एडवोकेट एंड लीगल कंसल्टेंट्स के मालिक अली मुसाबा ने गल्फ न्यूज से बात करते हुए कहा कि नए कानून से एक बड़ा फायदा ये होगा कि नौकरी का कॉन्ट्रैक्ट अब सीमित समय के लिए हो जाएगा.

उन्होंने कहा, 'इसका मतलब है कि कंपनियों ने जिन लोगों को अनिश्चितकालीन या स्थायी अनुबंध पर रखा था, उनका अनुबंध अब तीन साल का हो जाएगा. जिसे बाद में फिर से रिन्यू किया जा सकता है. पहले ऐसा नहीं था.

यूएई की सरकार ने कहा है कि इस साल दो फरवरी तक सभी नए कॉन्ट्रैक्ट का मसौदा निजी क्षेत्र की कंपनियों को तैयार करना होगा. सभी निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं को कानून के लागू होने के एक वर्ष के भीतर अपने नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट को बदलना होगा. कानून लागू करने की तारीख एक फरवरी बताई गई है. 

छुट्टियों का प्रावधान

वकील मुसाबा ने कहा कि निजी क्षेत्र के कर्मचारी प्रति सप्ताह न्यूनतम एक दिन की छुट्टी ले सकते हैं, जो उनके नियोक्ता द्वारा तय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नए नियमों के आधार पर कर्मचारियों को कुछ विशेष दिनों पर भी छुट्टी दी जाएगी.

वकील के मुताबिक, विशेष अवकाश के तहत अगर कर्मचारी के किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाती है तो उसे तीन से पांच दिन का शोक अवकाश मिलेगा.

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नए कानून में परीक्षा की पढ़ाई के लिए भी कर्मचारी को 10 दिन की छुट्टी का प्रावधान है. लेकिन इस तरह की छुट्टी के लिए वही कर्मचारी योग्य होंगे जिन्होंने कंपनी के साथ न्यूनतम दो साल काम किया हो.

नए कानून में महिलाओं के लिए 60 दिन की मैटरनिटी लीव का भी प्रावधान है. इसमें गर्भवती महिला को पूरे वेतन के साथ 45 दिनों की छुट्टी मिलेगी और अगले 15 दिनों की छुट्टी का आधा वेतन मिलेगा. कानून में ये भी बताया गया है कि एक कर्मचारी बीमारी की छुट्टी और अवैतनिक छुट्टी का लाभ कैसे उठा सकता है.

उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम के नए मॉडल

यूएई का ये नया कानून उत्पादकता बढ़ाने और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लाया गया है. इससे कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं के बीच पारदर्शिता और विश्वास की बहाली होगी. यूएई के इस नए कदम से विदेशी कर्मचारी भी आकर्षित होंगे. मुसाबा ने कहा कि काम का ये नया मॉडल कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं के बीच अच्छे संबंध बनाएगा. 

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