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मोदी सरकार के फैसले से UAE के सामने आया बड़ा संकट, पाकिस्तान से लेगा मदद?

संयुक्त अरब अमीरात में आटे की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है. भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से देश मुश्किल में पड़ गया है. भारत की तरफ से हालांकि यूएई को आश्वासन दिया गया था कि उसे गेहूं की आपूर्ति की जाएगी लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई मंजूरी नहीं दी गई है.

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यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ पीएम मोदी (Photo- Reuters)
यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ पीएम मोदी (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूएई में आटे की कीमतों में उछाल
  • भारतीय गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध का असर
  • भारत का विकल्प तलाश रहा यूएई

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही गेहूं की कमी से जूझ रही दुनिया को उस वक्त एक बड़ा झटका लगा जब 14 मई को भारत सरकार की तरफ से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंधों का ऐलान किया गया. भारत में हीट वेव के कारण गेहूं उत्पादन कम होने की आशंका है जिससे घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ गई हैं. इसे देखते हुए भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. भारतीय गेहूं का प्रमुख खरीददार संयुक्त अरब अमीरात भी इस प्रतिबंध से परेशान है क्योंकि देश में आटे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है.

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यूएई के स्थानीय उद्योग के व्यापारियों का कहना है कि दुनिया के दो प्रमुख गेहूं उत्पादकों, यूक्रेन और रूस में युद्ध के कारण यूएई में इस साल गेहूं की कीमतें लगभग 10-15 प्रतिशत बढ़ी हैं.

अल आदिल ट्रेडिंग के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ धनंजय दातार ने यूएई के एक प्रमुख अखबार से बातचीत में कहा कि युद्ध के कारण रूस और यूक्रेन से वैश्विक बाजार में गेहूं नहीं आ रहा है. भारत के गेहूं प्रतिबंध पर उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने महसूस किया कि बहुत मांग है और देश में गेहूं की कमी हो सकती है. नतीजतन, कीमतें भी बढ़ सकती हैं. इसलिए, उन्होंने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.'

डॉ धनंजय दातार का कहना है कि भारत ने आश्वासन दिया है कि प्रतिबंध के बावजूद वो यूएई और सऊदी अरब को गेहूं की आपूर्ति करेगा लेकिन अभी तक किसी व्यापार समझौते को मंजूरी नहीं दी गई है.

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उन्होंने कहा, 'मुझे तीन-चार महीने पहले पता चला कि गेहूं पर प्रतिबंध हो सकता है इसलिए हमने सुनिश्चित किया कि हमारे पास अगले आठ से नौ महीनों के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार हो.'

इधर, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा है कि भारत सरकार से जो सरकारें गेहूं खरीद के लिए अनुरोध करेंगी, वहां खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार गेहूं उपलब्ध कराएगी. 

साल 2020-21 में यूएई ने भारत से 330,707.74 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है. वो भारतीय गेहूं का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है.

भारत का विकल्प कौन?

डॉ दातार का कहना है कि भारत से गेहूं नहीं मिलता है तो यूएई को ऑस्ट्रेलिया से गेहूं आयात करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि यूएई के लिए पाकिस्तान भी गेहूं आयात करने के लिए एक वैकल्पिक देश हो सकता है लेकिन वहां भी गेहूं की फसल पर्याप्त नहीं है. पाकिस्तान के पास गेहूं का स्टॉक भी कम है तो इस हिसाब से यूएई के पास बस एक विकल्प ऑस्ट्रेलिया बचता है. 

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