खाड़ी के इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. यूएई के राजदूत फैसल नियाज तिर्मिजी ने कहा है कि देश में अकुशल पाकिस्तानी श्रमिकों के लिए नौकरी पाने के दिन खत्म होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि यूएई में हाई स्किल्ड पेशेवरों की मांग बढ़ रही है. ऐसे में यूएई को पाकिस्तान से आने वाले अकुशल श्रमिकों की जरूरत नहीं रह जाएगी.
गल्फ न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में राजदूत तिर्मिजी ने कहा, 'हमें अब यूएई के जॉब मार्केट के लिए एकाउंटेंट, आईटी पेशेवरों, बैंकरों, एआई एक्सपर्ट्स, डॉक्टरों, नर्सों और पायलटों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है.'
राजदूत ने कहा कि यूएई में कुशल श्रमिकों की मांग लगातार बढ़ रही है और अगर पाकिस्तान अपने लोगों का कौशल बढ़ाने पर ध्यान देगा तभी उसके लोगों के लिए अवसर बनेंगे.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस का योगदान
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस यानी विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों की तरफ से भेजे गए पैसे का बहुत योगदान है. साल 2023 में पाकिस्तान की जीडीपी में रेमिटेंस का योगदान लगभग 7.85% था.
यूएई में लाखों की संख्या में पाकिस्तानी रहते हैं. यूएई में भारतीयों के बाद सबसे बड़ा प्रवासी समूह पाकिस्तानियों का है. दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई में 20.9 लाख पाकिस्तानी रह रहे हैं.
ये प्रवासी हर महीने अच्छी-खासी मात्रा में पैसा भेजते हैं जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है. राजदूत तिर्मिजी ने बताया कि यूएई से पाकिस्तान को भेजे जाने वाले रेमिटेंस में मात्र छह महीने में 53% की वृद्धि हुई है और यह जो 4.5 अरब डॉलर तक पहुंच गई है.
पाकिस्तान में सबसे अधिक रेमिटेंस कहां से आता है?
जनवरी के महीने में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा था कि जुलाई 2024 में शुरू हुए और जून 2025 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2024-25 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ज्यादा रेमिटेंस आ रहा है.
बैंक ने बताया था कि इस वित्त वर्ष में अब तक 17.8 अरब डॉलर का रेमिटेंस आ चुका है जो कि पिछले साल की तुलना में 32.8 प्रतिशत का उछाल है. पाकिस्तान में सबसे अधिक रेमिटेंस सऊदी अरब, यूएई, ब्रिटेन और अमेरिका से आता है. रेमिटेंस के मामले में यूएई दूसरे नंबर पर है
अक्टूबर 2024 में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि यूएई से भेजे जाने वाले रेमिटेंस में बढ़ोतरी हो रही है. अगस्त के $53.84 करोड़ डॉलर से बढ़कर यह 56.03 करोड़ डॉलर हो गया. सितंबर 2023 के 39.98 करोड़ डॉलर रेमिटेंस से तुलना करें तो यूएई से रेमिटेंस में 40% का भारी उछाल है.
यूएई में अकुशल श्रमिकों को 1,000 दिरहम (75,918 पाकिस्तानी रुपये) या इससे थोड़ा ज्यादा मासिक वेतन मिलता है. वहीं, अगर कोई हाई स्किल्ड है और डिमांड वाली नौकरी कर रहा है तो उसे 20,000 दिरहम (15,18,377 पाकिस्तानी रुपये) या इससे अधिक सैलरी मिल जाती है.