संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने लाल सागर में जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले की कड़ी निंदा की. यूएई ने कहा कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने इस हमले को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अस्वीकार्य बताया.
यूएई के विदेश मंत्रालय ने बताया कि वे बाब अल-मंदेब और लाल सागर में जहाजों पर हमले को लेकर चिंतित हैं. इस तरह के हमलों से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक हितों को खतरा है.
यूएई का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर जॉइंट ऑपरेशन में यमन पर बम बरसाए और फिर एक अन्य स्ट्राइक में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया.
लाल सागर में हूती के मिसाइल हमलों को रोकने और शिपिंग रूट की सुरक्षा के नजरिए से अमेरिकी और ब्रिटिश वायु सेना ने रातभर यमन के कई स्थानों पर हमले किए हैं. इससे पहले गुरुवार को राजधानी सना समेत चार शहरों में कमोबेश 73 ठिकानों को निशाना बनाया गया था. ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात ने लाल सागर में जहाजों पर हमले के लिए हूती विद्रोहियों को कटघरे में खड़ा किया है.
लाल सागर में जहाजों को क्यों निशाना बना रहे हूती विद्रोही?
इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के जवाब में गाजा में जब बमबारी शुरू की तो हूतियों ने हमास के लिए अपना समर्थन घोषित किया. हूती ने कहा कि वे इजरायल जाने वाली जहाजों को निशाना बनाएंगे. हालांकि, हूती विद्रोहियों द्वारा जिन जहाजों पर हमले किए गए वे सभी इजरायल नहीं जा रहे थे, न ही इजरायली स्वामित्व वाले थे. नवंबर और दिसंबर के बीच लाल सागर में हूतियों के हमले 500% बढ़ गए. खतरा इतना बड़ा हो गया है कि प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने इस क्षेत्र में जहाजों का परिचालन बंद कर दिया. इससे ईंधन की कीमतें बढ़ने और आपूर्ति शृंखला बाधित होने का खतरा उत्पन्न हो गया.
बता दें कि वैश्विक समुद्री व्यापार का लगभग 15% लाल सागर से होकर गुजरता है, जो स्वेज नहर द्वारा भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ है और यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा शिपिंग मार्ग है. एशियाई और यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका का हित भी इस प्रमुख समुद्री मार्ग से जुड़ा हुआ है. इसी के चलते अमेरिका के नेतृत्व में 20 देशों ने लाल सागर के व्यापारिक मार्ग को सुरक्षित करने के लिए एक गठबंधन बनाया. फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन यमन में हूती ठिकानों पर हमले कर रहे हैं
हूती विद्रोहियों ने खाई कसम, नहीं रुकेंगे हमले
यमन में अमेरिका और ब्रिटेन की एयरस्ट्राइक के जवाब में हजारों की संख्या में यमन के नागरिक शुक्रवार को इकट्ठा हुए थे. हूती सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के सदस्य मोहम्मद अळी अल हूती ने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका शैतान है.
हूती विद्रोहियों के बदला लेने के दावों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि अगर विद्रोही समूह ने लाल सागर में इसी तरह हमले जारी रखे तो वे उन पर और हमले करने की मंजूरी दे देंगे.