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Udaipur Murder: उदयपुर में हिन्दू टेलर की हत्या पर इस्लामिक देशों के मीडिया में ऐसी टिप्पणियां

उदयपुर में एक दर्जी की गला रेत कर हत्या से पूरा देश स्तब्ध है. सांप्रदायिक कारणों से हुई इस हत्या पर मुस्लिम देशों की मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान, तुर्की, बांग्लादेश आदि इस्लामिक देशों ने इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की है और लिखा है कि इस घटना से हिंदू बहुल भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं.

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उदयपुर में दर्जी की हत्या के दोनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं (Photo- File)
उदयपुर में दर्जी की हत्या के दोनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं (Photo- File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उदयपुर में दर्जी की हत्या को लेकर बढ़ा तनाव
  • मुस्लिम देशों की मीडिया ने दी प्रतिक्रिया
  • बांग्लादेश, पाकिस्तान, तुर्की आदि देशों की मीडिया ने प्रमुखता से छापा

राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दो लोगों ने एक दर्जी कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर उसकी हत्या कर दी जिसके बाद से ही प्रदेश में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है. बताया जा रहा है कि मृतक के बेटे ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था और इसी कारण उसकी हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद से ही राजस्थान में इंटरनेट बंद है और हर जगह पुलिस की तैनाती है. दोनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के रूप में कर ली गई है. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर खूब प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. मुस्लिम देशों की मीडिया ने भी इस खबर की कवरेज की है.

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पाकिस्तान

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इस खबर को समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से प्रकाशित किया है. अखबार लिखता है कि उदयपुर की घटना पैगंबर विवाद का ही नतीजा है.

डॉन की रिपोर्ट में लिखा गया, 'दक्षिणपंथी बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी की जिस पर इस्लामिक दुनिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उनकी टिप्पणी से भारत और विदेशों में जमकर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनों में मुसलमान ये मांग कर रहे थे कि नूपुर शर्मा को कड़ी सजा दी जानी चाहिए. और इसी विवाद ने अब उदयपुर में हिंसा को भड़का दिया है.'

रिपोर्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस ट्वीट को भी शामिल किया गया है जिसमें वो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. पत्रकार राना अयूब के ट्वीट को भी रिपोर्ट में जगह दी गई है जिसमें उन्होंने इसे बर्बर हमला करार दिया है.

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तुर्की

इस्लामिक देश तुर्की के सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड ने भी इस घटना पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा गया है, 'उदयपुर जिले के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि उदयपुर की घटना का हिंदू बहुल देश में गंभीर परिणाम हो सकता है, सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं.'

रिपोर्ट में बताया गया है कि दर्जी कन्हैयालाल के दोनों हत्यारे सामान्य ग्राहक के रूप में उनकी दुकान में घुसे और फिर बड़े धारदार चाकू से उनका गला काट दिया. नूपुर शर्मा को लेकर रिपोर्ट में लिखा गया है कि पैगंबर विवाद के बाद से ही उन्हें देखा नहीं गया है. पैगंबर पर उनकी टिप्पणी से कई अरब और मुस्लिम देश भारत पर भड़क गए थे. भारत को कूटनीतिक स्तर पर काफी नाराजगी झेलनी पड़ी थी.

टीआरटी वर्ल्ड ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले के एक ट्वीट को भी शामिल किया है. इस ट्वीट में गोखले ने लिखा है, "सभी गैर बीजेपी और उदारपंथी उदयपुर घटना की निंदा करेंगे. कोई भी मुस्लिम इन राक्षसों का समर्थन नहीं करेगा. कोई इन्हें माला नहीं पहनाएगा जैसे बीजेपी के केंद्रीय मंत्री ने झारखंड में लिचिंग के दोषियों को पहनाई थी. कोई पार्टी इनके लिए रैली नहीं निकालेगी जिस तरह बीजेपी ने कठुआ रेपिस्ट्स के लिए निकाली."

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कतर

कतर बेस्ड अलजजीरा ने भी इस पर कवरेज की है. अलजजीरा ने पूरी घटना का ब्योरा दिया है. इस आर्टिकल के अंत में लिखा है, आलोचक मोदी की बीजेपी पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर रखने और बांटने वाली राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के जोधपुर में पिछले महीने ही हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव देखने को मिला था. अलजजीरा ने साल 2017 की एक घटना का भी जिक्र किया है जिसमें एक मुस्लिम मजदूर को मारकर जला दिया गया था.

मलेशिया

मुस्लिम देश मलेशिया के अखबार मलय मेल ने इस घटना को भारत में धार्मिक हिंसा के इतिहास से जोड़ा है. अखबार लिखा है कि भारत में धार्मिक हिंसा का एक भयानक इतिहास रहा है.1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से देश के आजाद होने के बाद से हजारों लोग धार्मिक हिंसा में मारे गए हैं.

अखबार आगे लिखता है, 'लेकिन भारत जहां की 1.4 अरब आबादी का 13 प्रतिशत मुसलमान हैं, 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से Hindu First एजेंडे पर काम कर रहा है जिसने देश में तनाव पैदा कर दिया है.'

पैगंबर विवाद का जिक्र करते हुए अखबार लिखता है कि इस महीने की शुरुआत में भाजपा ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया और एक अन्य अधिकारी को निष्कासित कर दिया, लेकिन हंगामा अब भी शांत नहीं हुआ है.

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संयुक्त अरब अमीरात

संयुक्त अरब अमीरात के अखबार खलीज टाइम्स ने घटना का ब्योरा देते हुए लिखा है कि उदयपुर में दर्जी की हत्या के बाद से ही स्थिति तनावपूर्ण है.

अखबार लिखता है, 'समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कन्हैया लाल नामक व्यक्ति को मंगलवार को उसकी सिलाई की दुकान के अंदर दो लोगों ने चाकू मार दिया. दोनों ने हत्या की घटना का वीडियो भी बनाया. बाद में दोनों लोगों ने एक दूसरे वीडियो में हत्या की जिम्मेदारी ली और उसी वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी.'

उदयपुर का तनावपूर्ण स्थिति का जिक्र करते हुए खलीज टाइम्स ने लिखा कि जिले में धार्मिक उन्माद फैलने से रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. भारत के गृह मंत्रालय ने अपनी आतंकवाद निरोधी एजेंसी की एक टीम को राजस्थान रवाना कर दिया है ताकि हत्या के आरोप में गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों के आतंकवाद के लिंक की जांच हो सके.

बहरीन

मुस्लिम देश बहरीन के पत्रकार और अरब मामलों के जानकार अमजद ताहा ने भी उदयपुर की हत्या पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्विटर पर किए गए अपने एक ट्वीट में कहा कि उदयपुर में जो हुआ, उसकी निंदा होना चाहिए और आतंकवाद से लड़ाई में सभी को भारत का साथ देना चाहिए.

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उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'उदयपुर हमले को हिंदुओं को निशाना बनाने वाले इस्लामी आतंकवाद के रूप में देखा जा रहा है. इसकी निंदा करें. आतंकवादियों से लड़ने में भारत के साथ जुड़ें. जो लोग भारत के बहिष्कार का आह्वान करते हैं, क्या वे चाहते हैं कि भारतीय आज सभी मुसलमानों का बहिष्कार करें? इसका जवाब ना है. हम सब एकजुट खड़े हैं.' 

इस ट्वीट में अमजद ताहा ने #JusticeForKanhaiyaLal हैशटैग का इस्तेमाल किया है.

बांग्लादेश

बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि उदयपुर में एक दर्जी का सिर कलम करने पर भारत के सभी बड़े नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. घटना पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल, पिनराई विजयन आदि नेताओं के ट्वीट का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है.

रिपोर्ट में घटना की पृष्ठभूमि को लेकर लिखा गया, 'एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) हवा सिंह घुमेरिया ने बताया कि कन्हैया लाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. जब वो बेल पर था तब 15 जून को उसने पुलिस को बताया कि उसे धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं. इसके बाद दोनों समुदायों के लोगों को बुलाकर मामले को शांत कर दिया गया था.'

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डेली स्टार ने अपनी एक दूसरी रिपोर्ट में लिखा कि हमलावरों ने दर्जी का सिर कलम करते हुए उसका वीडियो बनाया और पीएम मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी. 

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