युगांडा के एड्स कमीशन की एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में कंडोम की भारी कमी है. रिपोर्ट के मुताबिक कुल मांग के मुकाबले देश में 45 फीसदी कंडोम की कमी है. दूसरी तरफ रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि कंडोम इस्तेमाल करने की लोगों की इच्छा में भी कमी आई है. युगांडा में एचआईवी का मुख्य कारण अब भी एक से ज्यादा लोगों से शारीरिक संबंध ही हैं. और 2006 के बाद इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी भी हुई है.
कंपाला के इंपीरियल रॉयल होटल में गुरुवार को हुई 7वीं राष्ट्रीय संयुक्त वार्षिक एड्स रिव्यू कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय एचआईवी एंड एड्स प्लान 2011-12 से 2014-15 को रिलीज किया गया. यह डाटा पिछले दो साल में पूरे युगांडा से जुटाया गया है.
देश की कुल कंडोम मांग के मुकाबले सप्लाई सिर्फ 55 फीसदी ही है. युगांडा एड्स कमीशन के डॉक्टर जोसेफ माटोवु का कहना है कि एचआइवी से सफलता से लड़ने के लिए हमें और ज्यादा कंडोम जुटाने की जरूरत है. सेक्सुअली एक्टिव लोगों में एचआईवी की रोकथाम करने में कंडोम एक जरूरी हथियार है.
कंडोम के नियमित इस्तेमाल से एचआईवी के खतरे को 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2006 से 2011 के बीच महिलाओं में कंडोम का इस्तेमाल 46.7 फीसदी से गिरकर 29.4 फीसदी रह गया है. यही नहीं पुरुषों में यह 53.2 फीसदी से घटकर 37.9 प्रतिशत रह गया है.
हालांकि अच्छी खबर ये है कि एचआईवी के मामले जहां 2011 में 162,294 थे, वहीं 2013 में वे गिरकर 140,908 रह गए हैं, लेकिन ये अब भी 71,510 के टार्गेट से बहुत ज्यादा हैं.