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ब्रिटिश PM सुनक ने अपने दो उम्मीदवारों पर लिया एक्शन, सट्टेबाजी केस में कार्रवाई

ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. हालांकि, पहले अटकलों के मुताबिक, यह चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने वाला था, लेकिन इसकी जानकारी लीक हो गई थी. इस मामले में कंजर्वेटिव पार्टी के ही दो उम्मीदवारों का नाम सामने आया था, जिसमें अब पीएम ऋषि सुनक ने कार्रवाई की है.

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ऋषि सुनक
ऋषि सुनक

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने आम चुनाव की तारीख को लेकर सट्टेबाजी घोटाले में फंसे अपने दो कंजर्वेटिव सहयोगियों से अपनी पार्टी का समर्थन वापस ले लिया है. उन्होंने मंगलवार को एक्शन लेते हुए चुनाव से एक हफ्ता पहले यह कदम उठाया है. ब्रिटेन में आम चुनाव 4 जुलाई के लिए शेड्यूल है. इससे पहले सट्टेबाजी के मामले पर विवाद खड़ा हो गया था और विपक्ष लगातार उनके निलंबन की मांग कर रहा था.

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कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि टोरी (ब्रिटिश संसदीय चुनाव के) उम्मीदवार क्रेग विलियम्स और लॉरा सॉन्डर्स को अब पार्टी का समर्थन नहीं मिलेगा. क्रेग विलियम्स वेल्स में मोंटगोमेरीशायर से चुनावी मैदान में थे. वहीं सॉन्डर्स ग्लाइंडर और इंग्लैंड में ब्रिस्टल नॉर्थ वेस्ट से सांसद के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के उम्मीदवार थे, जिनसे कंजर्वेटिव पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है.

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संसदीय चुनाव के दो उम्मीदवारों पर एक्शन

कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "चल रही आंतरिक जांच के मुताबिक, हमने निष्कर्ष निकाला है कि हम आगामी आम चुनाव में संसदीय उम्मीदवार के रूप में क्रेग विलियम्स या लॉरा सॉन्डर्स का समर्थन नहीं कर सकते." प्रवक्ता ने कहा, "हमने सट्टेबाजी से संबंधित आयोग से जांच की है कि यह निर्णय उनके द्वारा की जा रही जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है" और उन्होंने जांच को स्वतंत्र बताया.

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पीएम सुनक के करीबी हैं उम्मीदवार

कुछ हफ्ते पहले मामले का खुलासा हुआ था और तबसे विपक्षी पार्टी उम्मीदवारों पर कार्रवाई की अपील कर रही थी. सॉन्डर्स टोरी कैंपेन के निदेशक टोनी ली की पत्नी हैं और विलियम्स प्रधानमंत्री सुनक की करीबी संसदीय सहयोगी हैं. सुनक ने इस मामले को स्वीकार भी किया था और कहा था कि वह अपने पार्टी उम्मीदवारों के सट्टेबाजी में उलझने को लेकर 'बेहद नाराज' थे. उन्होंने कहा कि वे आयोग की जांच में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

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ब्रिटेन में सट्टा वैध लेकिन फिर बैन क्यों?

ब्रिटेन में सट्टा लगाना वैध है लेकिन अंदरूनी जानकारी के साथ लगाया गया कोई भी दांव अवैधता के दायरे में आ सकता है. मसलन, पीएम सुनक ने 4 जुलाई के लिए चुनाव शेड्यूल किया था, जबकि इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि चुनाव सितंबर अक्टूबर में होंगे. इसी बीच सट्टेबाजी का मामला सामने आया था, जिसमें कार्रवाई के लिए सुनक पर दबाव बनाया जा रहा था.

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