Russia-Ukraine War को लेकर पाकिस्तान की स्पष्ट नीति पर ब्रिटेन सरकार नाराज़ है. इसके चलते, ब्रिटेन ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद यूसुफ के लंदन दौरे को रद्द कर दिया है.
दौरा रद्द करने का कारण नहीं दिया
एजेंसी के मुताबिक, एनएसए मोईद यूसुफ अगले सप्ताह लंदन का दौरा करने वाले थे, जिसे ब्रिटेन ने बिना वजह बताए रद्द कर दिया है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर पाकिस्तान की नीति के कारण यह यात्रा रद्द की गई है.
पाक से की थी रूस की आक्रामकता की निंदा करने की अपील
कुछ दिन पहले पाकिस्तान में विभिन्न विदेशी मिशनों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के आपातकालीन विशेष सत्र में, इस्लामाबाद से यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा करने की अपील की थी. यह सत्र मास्को के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान के लिए आयोजित किया गया था.
जर्मनी, फ्रांस, इटली समेत जापान, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मिशन प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि रूस ने अपने शांतिप्रिय पड़ोसी देश यूक्रेन पर अकारण हमला किया है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से नाराज़ ब्रिटेन
रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसए का दौरा रद्द करना उस संयुक्त बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से जुड़ा हुआ था. पाकिस्तान ने शुक्रवार को बयान को गैर-राजनयिक और अस्वीकार्य करार दिया था. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा, 'हमने बयान पर चिंता व्यक्त करते हैं, क्योंकि यह कूटनीति का सही तरीका नहीं है और मुझे लगता है कि वे भी यही मानते हैं.'
पाकिस्तान ने किसी का पक्ष न लेते हुए, इस मुद्दे से बनाई दूरी
193 सदस्यीय यूएनजीए ने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर, सोमवार को एक आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया था. यूक्रेन संकट पर पाकिस्तान ने किसी का पक्ष न लेते हुए, इस मुद्दे पर बहस से दूरी बना ली थी. संकेत हैं कि पाकिस्तान उस विवाद में शामिल होने से बचना चाहता है, जो उसे असहज स्थिति में डालता हो. पाकिस्तान अमेरिकी सहयोगी रहा है, जिसने कभी अमेरिका को चीन तक पहुंचने के लिए कॉरिडोर उपलब्ध कराया था.
हाल ही में इमरान ने किया था मास्को का दौरा
हाल ही में यूक्रेन संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मास्को की यात्रा की थी. इस बात पर भी नाराज़गी स्वाभाविक थी. हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले हफ्ते इमरान खान की रूस यात्रा को उचित ठहराते हुए कहा था कि यह एक द्विपक्षीय यात्रा थी, जिसकी योजना युद्ध शुरु होने से काफी पहले बनाई गई थी.