ब्रिटेन ने सोमवार को मिडिल ईस्ट को अस्थिर करने के प्रयास में कथित भूमिका के लिए ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और संगठनों को टारगेट करते हुए नए प्रतिबंधों की घोषणा की. फॉरेन, कॉमनवेल्थ और डेवलेपमेंट ऑफिस (FCDO) ने कहा कि हालिया प्रतिबंध 1 अक्टूबर को इजराइल पर ईरान के हमले के जवाब में लगाए गए हैं.
ब्रिटेन के प्रतिबंध उन वरिष्ठ अधिकारियों को टारगेट करते हैं जो ईरानी सेना, ईरानी वायु सेना और आईआरजीसी खुफिया संगठन से जुड़े हुए हैं. प्रतिबंधों में एफपीएसडीबी (Farzanegan Propulsion Systems Design Bureau) को भी शामिल किया गया है, जो क्रूज मिसाइलों में इस्तेमाल किए जाने वाले हिस्सों को डिजाइन और निर्माण करता है.
ईरानी स्पेस एजेंसी पर भी लगाया प्रतिबंध
इसमें ईरानी स्पेस एजेंसी भी शामिल है, जो बैलिस्टिक मिसाइल डेवलेपमेंट में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी को विकसित करती है. विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा, 'बार-बार चेतावनियों के बावजूद, ईरान और उसके प्रतिनिधियों की खतरनाक कार्रवाइयां मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा रही हैं.'
'तनाव को कम करने के लिए दबाव डालेंगे'
उन्होंने कहा, 'इजरायल पर उसके बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद, हम ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन लोगों को बेनकाब कर रहे हैं जिन्होंने इन कृत्यों को बढ़ावा दिया. सहयोगियों और भागीदारों के साथ, हम ईरान के खतरों को चुनौती देने के लिए आवश्यक उपाय करना जारी रखेंगे और पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए दबाव डालेंगे.'
पहले से लगे हैं 400 से अधिक प्रतिबंध
लैमी ने यूरोपीय संघ (ईयू) विदेश मामलों की परिषद में सहयोगियों के साथ ईरान की कार्रवाइयों पर भी चर्चा की, जहां उन्होंने सोमवार को वार्ता के दौरान पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने पर जोर दिया. एफसीडीओ ने कहा कि ब्रिटेन ने पहले से ही ईरान पर 400 से अधिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और इजरायल पर हाल के हमले के लिए जिम्मेदार लोगों में से कई शामिल हैं.