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लंदन में कश्मीर को लेकर डिजिटल कैंपेन लॉन्च करेगा तहरीक-ए-कश्मीर

लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध करने के लिए अगर अदालत इजाजत नहीं देता है तो प्रदर्शनकारी अपने डिजिटल अभियान को शुरू करने के लिए बस का उपयोग करेंगे.

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विरोध को देखते हुए पुलिस ने धारा 12 लागू किया (फाइल फोटो)
विरोध को देखते हुए पुलिस ने धारा 12 लागू किया (फाइल फोटो)

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  • विरोध को देखते हुए पुलिस ने धारा 12 लागू किया
  • प्रदर्शन में 25 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद

यूनाइटेड किंगडम का संगठन तहरीक-ए-कश्मीर लंदन में कश्मीर डिजिटल अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है. 1985 में बना ये संगठन लंदन में 27 अक्टूबर को कश्मीर के लिए स्वतंत्रता मार्च में शामिल और विरोध करने की योजना बना रहा है. इसमें करीब 25,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

यदि लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध करने के लिए अदालत इजाजत नहीं देता है तो प्रदर्शनकारी अपने डिजिटल अभियान को शुरू करने के लिए बस का उपयोग करेंगे. तहरीक-ए-कश्मीर के अध्यक्ष राजा फहीम कयानी ने कहा कि अगर अदालत हमें भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध करने की अनुमति नहीं देता है, तो तहरीक-ए-कश्मीर ने भारतीय उच्चायोग लंदन के बाहर कश्मीर डिजिटल अभियान शुरू करने का फैसला किया है.

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धारा 12 लोक आदेश अधिनियम 1986 के तहत मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने विरोध पर प्रतिबंध लगाया है. पुलिस ऑपरेशन के गोल्ड कमांडर के प्रभारी डीएसी मैट ट्विस्ट ने कहा कि प्रदर्शन में भाग लेने वालों को पुलिस की मौजूदगी दिख सकती है.

प्रदर्शनकारियों की प्रत्याशित संख्या को ध्यान में रखते हुए और गंभीर व्यवधान को रोकने के लिए हमने पुलिसबल लगाया है. मैट ट्विस्ट ने यह भी कहा कि असेंबली और विरोध मार्च संसद मार्ग से शुरू होना चाहिए जो व्हाइटहॉल के साथ ट्राफलगर स्क्वायर में समाप्त होना चाहिए. ये लंदन के बहुत प्रतिष्ठित स्थान हैं.

इससे पहले उन्होंने कहा था कि जो हमारी शर्तों का पालन नहीं करेगा उसकी गिरफ्तारी हो सकती है और मुकदमा चल सकता है. लंदन के मेयर सादिक खान ने विरोध की निंदा की और कार्रवाई के लिए गृह कार्यालय और मेट्रोपॉलिटन पुलिस को लिखा था.

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