साल 2008 में आतंकी हमलों से पूरी मुंबई कांप उठी थी और शहर के होटल ताज महल पैलेस में भी कई लोग मारे गए जबकि कई अन्य घायल भी हुए. इन्हीं हमलों में ब्रिटेन के विल पाइक ने अपनी टांगें गंवा दी थीं. हमलों के पांच साल बाद उन्हें होटल ताज महल पैलेस पर केस करने का हक मिला है. होटल का मालिक टाटा ग्रुप है.
टाटा समूह की कंपनी इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड ने दलील दी थी कि विल पाइक नाम के इस व्यक्ति के दावे पर भारत में सुनवाई की जानी चाहिए, लेकिन यहां हाई कोर्ट के एक जज ने पाइक का तर्क स्वीकार करते हुए कहा कि भारतीय कोर्ट में मामला निपटने में सालों लग सकते हैं. ताज होटल का परिचालन इंडियन होटल कंपनी ही करती है.
रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्टीवर्ट ने कहा, ‘संक्षेप में कहें तो मेरा अनुमान है कि भारत में इस मामले को हल होने में करीब 20 साल लग जाएंगे. इसलिए इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए इंग्लैंड उचित फोरम है.’ इंडियन होटल कंपनी को इस फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार दिया गया है और अब मामला आखिरी फैसले के लिए अपील कोर्ट में जाएगा.
लंदन स्थित फ्रीलांस फिल्म निर्माता पाइक ने कहा, ‘अपील की प्रक्रिया महज एक छोटा विलंब है. मैं इस फैसले से काफी राहत महसूस कर रहा हूं. यह सही दिशा में एक कदम जैसा लगता है.’ उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब है कि कोर्ट अपना काम करेगी. अगर यह केस भारत में होता तो जाहिर तौर पर ऐसा नहीं हुआ होता. अब चाहे नतीजा जो भी आए मैं कम से कम यह जान सकूंगा कि क्या होटल मेरी सुरक्षा और अन्य सभी की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता था या नहीं.’
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में घुसे लश्कर-ए-तैयबा के करीब 10 आतंकियों ने कहर बरपाया था और ताज होटल पर हमले के दौरान होटल की खिड़की से छलांग लगाने पर पाइक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे.