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मुस्लिम हूं, इसलिए मंत्रीपद से हटाया- ब्रिटिश सांसद का आरोप

ब्रिटेन की सांसद नुसरत गनी ने आरोप लगाया है कि उनके मुस्लिम होने के कारण मंत्री पद से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. उनके आरोपों को लेकर कई सांसदों ने जांच की मांग की है. वहीं बोरिस जॉनसन के कार्यालय ने कहा है कि कंजरवेटिव पार्टी किसी भी तरह के पूर्वाग्रह या भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करती है.

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ब्रिटेन की सांसद नुसरत गनी (Photo-UK Parliament/Handout via REUTERS)
ब्रिटेन की सांसद नुसरत गनी (Photo-UK Parliament/Handout via REUTERS)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्रिटेन की सांसद नुसरत गनी ने लगाया गंभीर आरोप
  • कहा- मुस्लिम होने के कारण मंत्री पद छीना गया
  • PMO ने पार्टी में किसी भी भेदभाव से किया इनकार

ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार में मंत्री रहीं नुसरत गनी ने आरोप लगाया है कि 2020 में उन्हें मंत्रिमंडल से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वो एक मुस्लिम हैं. ब्रिटेन सरकार में मंत्री नादिम जाहवी ने रविवार को उनके आरोपों की जांच का आग्रह किया है. बोरिस जॉनसन पहले ही लॉकडाउन में शराब पार्टी के आयोजन को लेकर निशाने पर हैं और ऐसे में इन आरोपों ने उनकी सिरदर्दी और बढ़ा दी है.

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49 वर्षीय नुसरत गनी को 2020 में परिवहन मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने संडे टाइम्स को बताया कि डाउनिंग स्ट्रीट की एक बैठक में  उन्हें पद से हटाने के लिए उनके मुस्लिम होने को कारण बताया. गनी ने बताया कि जब उन्होंने पद से हटाए जाने का कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि उनके मुस्लिम होने को लेकर कई सहकर्मी असहज महसूस कर रहे हैं.

हालांकि चीफ व्हिप मार्क स्पेंसर ने गनी के इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं और मैं इन्हें अपमानजनक मानता हूं.'

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 'मैंने कभी भी उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है जिन शब्दों के इस्तेमाल का आरोप गनी लगा रही हैं. यह निराशाजनक है कि जब इस मुद्दे को पहले उठाया गया था, तो गनी ने औपचारिक जांच के लिए मामले को कंजरवेटिव पार्टी के पास भेजने से इनकार कर दिया था.'

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सरकारी व्हिप इससे पहले तब विवादों में आए जब कंजरवेटिव टोरी बैकबेंचर सांसद विलियम रैग ने आरोप लगाया कि जो सांसद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को हटाने की मांग कर रहे हैं उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है. ब्रिटेन की संसद में जिन लोगों के पास कोई सरकारी पद नहीं होता, उन्हें बैकबेंचर कहा जाता है. नुसरत गनी टोरी बैकबेंचर्स की 1922 कमेटी की उपाध्यक्ष हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री उस समय के गनी के दावों से अवगत थे,और उन्होंने उन्हें औपचारिक शिकायत करने के लिए आमंत्रित भी किया था.

डाउनिंग स्ट्रीट (PMO) के प्रवक्ता ने कहा, 'इन बेहद गंभीर दावों से अवगत होने के बाद प्रधानमंत्री ने नुसरत गनी से मुलाकात की और चर्चा की. प्रधानमंत्री ने फिर गनी को अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र भी लिखा और औपचारिक शिकायत प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा. लेकिन गनी ने ऐसा नहीं किया. कंजरवेटिव पार्टी किसी भी तरह के पूर्वाग्रह या भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करती है.'
 
गनी ने संडे टाइम्स को बताया कि पद से हटाए जाने के बाद उन्हें ऐसा लगा जैसे किसी ने उनके पेट में जोर से मुक्का मारा हो. उन्होंने कहा, 'मैं अपमानित और शक्तिहीन महसूस कर रही थी.' जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इस बात की शिकायत पहले क्यों नहीं की तो उन्होंने कहा कि उन्हें डर था कि उनके सहयोगी उनका बहिष्कार कर देंगे और उनका करियर खत्म हो जाएगा.

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ब्रिटेन के शिक्षा और वैक्सीन मंत्री नदीम जहावी ने इस मामले की जांच की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'हमारी कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया या किसी भी तरह के नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है. नुसरत गनी दोस्त, सहयोगी और एक शानदार सांसद हैं. आरोपों की सही से जांच होनी चाहिए और नस्लवाद को खत्म किया जाना चाहिए.'

न्याय मंत्री डॉमिनिक रैब ने इन आरोपों को बेहद गंभीर बताया. लेकिन बीबीसी के 'संडे मॉर्निंग' बातचीत में उन्होंने कहा कि आरोपों के जांच की संभावना तभी होगी जब गनी इसकी कोई औपचारिक शिकायत करती हैं.

पूर्व समानता और मानवाधिकार आयुक्त स्वर्ण सिंह ने दो साल पहले कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया के दावों की जांच की थी. उन्होंने 2015 और 2020 के बीच दर्ज की गई 727 अलग-अलग घटनाओं का विश्लेषण किया था लेकिन पार्टी में 'संस्थागत इस्लामोफोबिया' का कोई सबूत उन्हें नहीं मिला था. हालांकि, उन्होंने बोरिस जॉनसन सहित टोरी के वरिष्ठ लोगों की इस्लामोफोबिया को लेकर आलोचना की थी. 

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