ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन होते ही चीन के बुरे युग की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार को ही ब्रिटेन ने चीन की परमाणु फर्म CGN को अपने नए साइजवेल (Sizewell) सी परमाणु ऊर्जा स्टेशन के निर्माण से बाहर कर दिया. इस प्रोजेक्ट को अब शेष फ्रांसीसी साझेदार ईडीएफ के साथ बनाया जाएगा.
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पद संभालने के बाद विदेश नीति पर अपने पहले प्रमुख संबोधन में चीन सरकार को आईना दिखा दिया है. सुनक ने चीन की बढ़ती निरंकुशता को ब्रिटेन के मूल्यों और उसके हितों के लिए बड़ी चुनौती बताया. ऐसे में उन्होंने कहा कि चीन के साथ ब्रिटेन के संबंधों का सुनहरा युग खत्म हो गया है.
'लोगों की आवाज दबा रही चीनी सरकार'
इसी कड़ी में ब्रिटेन के परमाणु प्रोजेक्ट से चीन को बाहर कर दिया गया है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक कुछ समय पहले ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं. उनका कहना है कि हम चीन को हमारे मूल्यों और हितों के लिए बड़ी चुनौती मानते हैं. एक ऐसी चुनौती, जो चीन की लगातार बढ़ रही निरंकुशता के साथ ही और बढ़ती जा रही है. चीन की बेहद सख्त जीरो कोविड रणनीति के विरोध में लोगों के प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनक ने कहा कि चीन सरकार प्रदर्शन कर रहे लोगों को सुनने के बजाए उनकी आवाज दबाने में लगी है. बीबीसी के एक पत्रकार के साथ भी मारपीट की गई.
चीन के प्रति सुनक ने अपनाया कठोर रवैया
सुनक ने लंदन में लॉर्ड मेयर के सालाना बैंक्वेट के दौरान कहा कि ब्रिटेन, चीन जैसे वैश्विक प्रतिस्पर्धी देशों के खिलाफ खड़ा होगा. यह सिर्फ बयानबाजी के स्तर पर नहीं होगा बल्कि व्यावहारिक भी होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए ब्रिटेन समान विचारधारा वाले अपने सहयोगी देशों अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ संबंधों को और बढ़ावा देगा.
क्या है वो प्रोजेक्ट जिससे चीन को किया बाहर?
अब आपको बता दें कि यूके ने इस न्यूक्लियर प्रोजेक्ट में £700 मिलियन ($843 मिलियन) का निवेश करने की योजना बनाई है. यह प्रोजेक्ट ईडीएफ के साथ 50:50 की पार्टनरशिप में रहेगा. साइजवेल सी, पूर्वी इंग्लैंड में सफोक तट पर विकास के अधीन है. यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लगभग 6 मिलियन घरों के बराबर बिजली जनरेट करेगा. एक अनुमान के मुताबिक साल 2035 में जल्द से जल्द बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा.