ब्रिटेन के आतंकवाद निरोधक एजेंसियों ने मंगलवार को भारत विरोधी गतिविधियों के खिलाफ मध्य इंग्लैंड के कुछ घरों में छापेमारी की. वेस्ट मिडलैंड्स काउंटर टैरेरिज्म यूनिट (डब्ल्यूएमसीटीयू) ने अपनी जांच के तहत तीन प्रमुख शहरों कोवेंट्री, लेस्टर और बर्मिंघम में छापे मारे. छापेमारी अब भी जारी है. हालांकि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.
एक दिन पहले ही वेस्ट मिडलैंड्स काउंटी में कट्टरपंथी संगठन सिख फेडरेशन यूके ने खालिस्तान के समर्थन में एक सभा आयोजित की थी. इस आयोजन के बाद वेस्ट मिडलैंड्स काउंटर टैरेरिज्म यूनिट (डब्ल्यूएमसीटीयू) ने अपनी कार्रवाई शुरू की है. सिख फेडरेशन ने इस छापेमारी की कड़ी आलोचना की है.
@DaveThompsonCC @WMPolice @WestMidsPCC @CCLeicsPolice @emidlandspolice @metpoliceuk need to better understand @SikhFedUK & the Briitish Sikh community. We will always stand up for Sikh values & rights. Unfair targeting of Sikh activists will be opposed. https://t.co/mwLwWJvqgR
— Sikh Federation UK (@SikhFedUK) September 18, 2018
यूके पुलिस ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएमसीटीयू की कार्रवाई के तहत यूके पुलिस के खुफिया अधिकारियों ने कई स्थानों की छानबीन की. कोवेंट्री, लेस्टर और बर्मिंघम में रिहायशी पतों की डब्ल्यूएमसीटीयू ने तलाशी ली. ईस्ट मिडलैंड्स स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट-स्पेशल ब्रांच (ईएमएसओयू-एसबी) के सहयोग से इस छापेमारी की इस कवायद को अंजाम दिया जा रहा है.
17 सितंबर को सिख फेडरेशन यूके ने खालिस्तान के समर्थन में वेस्ट मिडलैंड्स के मिलेनहॉल में एक सभा बुलाई थी. इससे पहले मोदी सरकार के कड़े विरोध के बावजूद ब्रिटेन ने लंदन में भारत विरोधी रैली करने की इजाजत दी थी. जनमत संग्रह के समर्थन में सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम संगठन ने खालिस्तान के समर्थन में और हिंदुस्तान के खिलाफ लंदन में रैली निकाली थी जिसकी इजाजत ब्रिटेन सरकार की ओर से दी गई थी.
एसएफजे यह भी ऐलान कर चुका है कि जनमत संग्रह 2010 का समर्थन जुटाने के लिए पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में वह एक अभियान चलाएगा. गुरुद्वारा करतापुर साहिब वही स्थान है जिसे लेकर एनडीए और कांग्रेस में जुबानी जंग चल रही है.
यूके पुलिस के बयान के मुताबिक, 'भारत में चरमपंथी गतिविधि और धोखाधड़ी के अपराधों के आरोपों के सिलसिले में यह तलाशी ली जा रही है. किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. छापेमारी अभियान में संदिग्धों के बारे में सुरक्षा बलों ने कोई ब्योरा नहीं दिया लेकिन ब्रिटेन के एक सिख संगठन ने बयान जारी कर चिंता जताई कि 'भारतीय पुलिस अधिकारी ब्रिटेन में हो सकते हैं और ब्रिटिश पुलिस के जरिए सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बना सकते हैं.