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Russia Ukraine Conflict: रूस से लड़ने को यूक्रेन ने कैदियों को उतारा, हत्या के दोषियों को रिहा कर मोर्चे पर भेजा

रूसी सेना को जवाब देने के लिए यूक्रेन की आम जनता तो जंग में शामिल हो ही चुकी है. अब इस जंग में जेल में बंद कैदी भी उनका साथ देंगे. नेशनल प्रॉसीक्यूटर जनरल ने यह घोषणा की है.

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युद्ध का प्रशिक्षण लेते यूक्रेन के आम नागरिक
युद्ध का प्रशिक्षण लेते यूक्रेन के आम नागरिक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेल से छूटने वाले कैदी हैं पूर्व सैनिक
  • सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर हो रहे रिहा

यूक्रेन लगातार जारी रूसी हमलों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. अब वह जंग में शामिल होने के लिए सैन्य पृष्ठभूमि वाले खूंखार कैदियों और आरोपियों को रिहा करने जा रहा है. नेशनल प्रॉसीक्यूटर जनरल के कार्यालय ने रविवार को इस बात की पुष्टि की. 

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रिहाई के लिए युद्ध का अनुभव जरूरी

प्रॉसीक्यूटर जनरल ऑफिस के अधिकारी एंड्री सिनुक ने मीडिया को बताया कि दोषी के सर्विस रिकॉर्ड, युद्ध का अनुभव और जेल में उसके व्यवहार, इन सभी बातों पर विचार करने के बाद ही तय किया जाएगा कि उसे जंग में शामिल होने दिया जाए या नहीं.

तेजाब फेंककर, चाकू मारकर की थी हत्या 

एंड्री सिनुक कहा कि सर्गेई टॉर्बिन रिहा किए गए एक पूर्व लड़ाकू अनुभवी कैदियों में से एक है. टॉर्बिन पहले डोनेत्स्क और लुगंस्क पीपुल्स रिपब्लिक के साथ युद्ध में लड़ चुका है. नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार विरोधी प्रचारक कतेरीना हांडज़ुक पर तेजाब फेंकने के बाद मौत के जुर्म में उन्हें 2018 में छह साल और छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी. सिनुक ने कहा कि टॉर्बिन ने अपनी रिहाई के बाद अपने दस्ते के लिए पूर्व कैदियों को चुना है.

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अधिकारी ने कहा कि एक अन्य पूर्व सैनिक दिमित्री बालाबुखा को 2018 में बस स्टॉप पर एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या करने के लिए मामले में नौ साल जेल की सजा सुनाई गई थी, उसे भी रिहा कर दिया गया है.

आम लोग भी रूसी सेना से ले रहे लोहा

यूक्रेनी सरकार आम नागरिकों को कीव में रूसी सेना के प्रवेश को रोकने के लिए लगातार हथियार उपलब्ध करवा रही है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने आदेश जारी किया है कि देश के जो भी नागरिक सेना में शामिल होने लायक हैं, वे देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं. हालांकि यूक्रेन में बहुत से लोग स्वेच्छा से कीव और अन्य शहरों की रक्षा में मदद के लिए आगे आए हैं.

पड़ोसी देश को बचाने के लिए किया हमला: रूस

मॉस्को ने फिर से कहा कि उसने अपने पड़ोसी देशों डोनेत्स्क और लुगंस्क पीपुल्स रिपब्लिक के बचाव के लिए यूक्रेन पर हमला किया है. कीव में 2014 के तख्तापलट के तुरंत बाद दोनों देश पूर्वी यूक्रेन से अलग हो गए थे.

 

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