यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग का लोगों की जिंदगी पर कैसा असर पड़ा है. इसकी बानगी है एक ट्रेन. जो लगभग 14 घंटे से मारियोपोल स्टेशन पर फंसी हुई है. इस ट्रेन में आजतक के संवाददाता गौरव सावंत भी मौजूद हैं, जो 14 घंटे से ट्रेन में ही फंसे हैं. हमारे संवाददाता ने जंग के बीच ट्रेन में फंसे लोगों से बात की है और खौफ से भरी उनकी जिंदगी में झांकने की कोशिश की है.
बता दें कि रूसी बमबारी के बीच मारियोपोल से कीव जाने वाली ट्रेन को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया है.
ट्रेन में फंसे आजतक के संवाददाता गौरव ने बताया कि यात्रियों के पास खाने-पीने का कोई सामान नहीं है. फिलहाल कुछ भी नहीं बताया जा रहा है कि ट्रेन को आगे कब ले जाया जाएगा. ट्रेन में सवार यात्री लगातार अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है. यात्री अपने परिजनों से संपर्क कर रहे हैं. मारियोपोल में ट्रेन के बाहर तापमान शून्य से नीचे हैं.
बाहर बमबारी, अंदर अंधेरी ट्रेन
आजतक संवाददाता गौरव सावंत ने बताया कि ट्रेन में सवार यात्रियों के पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है. उन्होंने बताया कि यहां से कीव जाने में 14 घंटे का समय लगता है. उन्होंने बताया कि ट्रेन जैसे ही यहां पहुंची बमबारी की आवाज सुनकर पूरी लाइट को बंद कर दिया गया. पूरी रात ट्रेन में बैठे यात्री अंधेरे में रात गुजारी.
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ट्रेन से बाहर निकलने की मनाही
आजतक संवाददाता गौरव सावंत ने बताया कि ट्रेन में सवार अधिकतर लोग बड़े शहरों से छोटे शहरों की ओर जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक-एक बोगी में 70-80 यात्री सवार हैं. फिलहाल, वे सभी दहशत में हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन से उतरकर किसी को भी स्टेशन के बाहर जाने की मनााही है. इस संबंध में अधिकारी थोड़ी देर बार निर्देश देंगे.
गौरव सावंत ने बताया कि अगला कदम क्या होगा, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हो सकता है कि ट्रेन के यात्रियों को वापस मारियोपोल भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रेन के टीटीई से बात हुई तो उन्होंने भी कुछ स्थिति स्पष्ट नहीं की कि आगे क्या होगा.