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Russia Ukraine War: 31 दिन में तबाह हो गया खारकीव, खाने का संकट, डाइपर-कंबल को भी तरसे लोग

Russia Ukraine War: यूक्रेन के कई शहर रूसी हमलों में तबाह हो गए हैं. अब हालात ये हैं कि खारकीव में लोग खाने के लिए भी मोहताज हो गए हैं. चंद पनीर के लिए बुजुर्ग भी घंटों लाइन में लग रहे हैं. इतना ही नहीं यहां अब रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं.

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खारकीव में इन दिनों खाने का संकट पैदा हो गया है (सांकेतिक तस्वीर)
खारकीव में इन दिनों खाने का संकट पैदा हो गया है (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हमले में घायलों से भरे शहर के सभी अस्पताल
  • चलने फिरने में असहाय बुजुर्गों की मुसीबत बढ़ी

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग पिछले 31 दिन से जारी है. इस दौरान रूस की ओर से यूक्रेन पर भारी हमले किए गए. लिहाजा यूक्रेन के कई शहर इसमें तबाह हो गए. अब यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि हाल ही में रूसी सेना ने मारियुपोल थिएटर पर एयर स्ट्राइक की थी. इस हमले में करीब 300 लोग मारे गए. इस थियेटर को लेकर आश्रय स्थल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे. इतना ही नहीं अब यहां खाने का संकट भी गहराने लगा है.

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एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने सबसे ज्यादा टारगेट कीव और खारकीव को किया है. मसलन यहां खारकीव में हालात बेहद दयनीय हो गए हैं. अब यहां खाने का संकट पैदा हो गया है. लोग खाने के लिए लाइन में लगे हुए हैं. खारकीव में लगातार गोलाबारी के चलते सैकड़ों लोगों ने मेट्रो में शरण ली हुई है. घायल सैनिकों और आमजनों से अस्पताल भरे पड़े है. 

खारकीव में हन्ना स्पित्स्याना नाम की लड़की यूक्रेनी रेड क्रॉस की सहायता से लोगों को खाना वितरित कर रही है. हन्ना ने कहा कि लोगों के पास खाना नहीं हैं. यहां आने वाले अधिकतर लोग बुजुर्ग हैं. इसमें कई लोग तो ऐसे भी हैं जो ठीक से चल भी नहीं सकते. इन सभी लोगों को डायपर, स्वैडल कंबल और भोजन की जरूरत है.

हन्ना स्पित्स्याना ने कहा कि यहां खाने के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं. यहां आने वालों के घंटों इंतजार करने के बाद पनीर का सिर्फ छोटा सा टुकड़ा ही मिल पा रहा है. लोग डरे हुए हैं जल्दी से खाने का सामान लेकर अपने शेल्टर में छिप जाना चाहते हैं.

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एजेंसी के अनुसार अमेरिका ने कहा कि रूसी सेना ने फिलहाल राजधानी कीव पर कब्जा करने के उद्देश्य से अपने जमीनी आक्रमण को रोक दिया है, और नियंत्रण के लिए लड़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है. उधर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के एक संप्रभु देश के रूप में अस्तित्व से इनकार कर दिया. वहीं रूसी जनरल स्टाफ के डिप्टी चीफ कर्नल-जनरल सर्गेई रुडस्कोई ने कहा कि ऑपरेशन के पहले चरण का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन की लड़ने की क्षमता को कम करना था, जो कि लगभग पूरा हो गया है. 

 

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