यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहान्स्क में रविवार को रूसी समर्थकों ने जनमत संग्रह कराया गया, जिसे यूक्रेन की सरकार तथा पश्चिमी देशों ने गैरकानूनी करार दिया है. लुहान्स्क में हुए जनमतसंग्रह के परिणाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं.
जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांदे ने पूर्वी यूक्रेन में कराए गए जनमत संग्रह को गैर-कानूनी करार दिया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दोनों नेताओं ने एक साझा बयान में कहा कि पूर्वी यूक्रेन के कई शहरों में कराए गए जनमत संग्रह गैर कानूनी हैं. होलांदे जर्मनी के दौरे पर हैं.
ब्रिटेन ने जताया अफसोस
इस बीच, ब्रिटिश फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ ऑफिस (एफसीओ) ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन में जनमत संग्रह बड़े अफसोस की बात है. सिन्हुआ के अनुसार, एफसीओ के प्रवक्ता ने रविवार को यूक्रेन में कराए गए जनमत संग्रह पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है. यूक्रेन की जनता के पास आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी लोकतांत्रिक पसंद को जाहिर करने के लिए अनुकूल अवसर होगा, जो 25 मई को होने हैं.
दोनेत्स्क में पड़े 89 फीसदी वोट
इससे पहले, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से दोनेत्स्क में रविवार को यूक्रेन से अलग होने के लिए कराए गए जनमत संग्रह में 89 प्रतिशत वोट पड़े. स्वघोषित दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के निर्वाचन आयोग के प्रमुख रोमन ल्यागीन ने कहा कि जनमत संग्रह में कुल 74.87 प्रतिशत लोगों ने पक्ष में और 10.1 प्रतिशत लोगों ने इसके विरोध में मत दिया.
जनमत संग्रह के आयोजक आगामी 18 मई को दूसरे चरण का जनमत संग्रह कराने की योजना बना रहे हैं, जिसमें रूस के साथ विलय के बारे में जनता की राय ली जाएगी.