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Ukraine Russia war: मारियुपोल और वोल्नोवाखा में ही रूस ने क्यों किया सीजफायर? ये है वजह

Ukraine Russia war: युद्ध तबाही लेकर आता है. इसका समाधान सिर्फ युद्ध विराम ही है. लेकिन सवाल ये उठता है कि हमला पूरे देश पर लेकिन सीजफायर सिर्फ दो शहरों में ही क्यों किया गया है. बता दें कि दोनों शहर डोनेत्स्क का हिस्सा हैं, जिसे रूस पहले ही स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर चुका है.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • युद्ध के 10वें दिन सीजफायर का ऐलान
  • ये दोनों शहर डोनेत्स्क का हिस्सा हैं

Ukraine Russia war: बीते 10 दिन से जारी तबाही के बाद शनिवार को रूस ने सीजफायर का ऐलान कर दिया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूस ने सीजफायर का ऐलान किया है. लेकिन इसमें बड़ी बात ये है कि सीजफायर यानी युद्धविराम सिर्फ दो शहरों में ही किया जा रहा है. ये शहर हैं मारियुपोल और वोल्नोवाखा. दिलचस्प बात ये है कि ये दोनों शहर पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क का हिस्सा हैं.

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जाहिर सी बात है कि रूस ने सीजफायर भी उन शहरों में किया है जिसे वह युद्ध की शुरुआत में ही स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया था. रूस की ओर से कहा गया है कि सीजफायर के दौरान एक ह्यूमन कॉरिडोर स्थापित किया जाएगा. इसके जरिए फंसे हुए लोगों को निकाला जाएगा. ये सीजफायर साढ़े 5 घंटे के लिए किया गया है. इस दौरान वहां कोई भी हमला नहीं होगा. बता दें कि मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर की अवधि शुरू हो गई.

रूसी हमले की वजह से इन शहरों में बिजली-पानी और गैस की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. सीजफायर के दौरान इसे भी ठीक किया जाएगा.

ये है सीजफायर की बड़ी वजह

बता दें कि डोनेत्सक और लुहांस्क में करीब सवा सात लाख लोगों को रूस अपनी नागरिकता दे चुका है. यानी यहां की करीब 18 फीसदी आबादी को रूसी नागरिकता मिल चुकी है. सांस्कृतिक और एथनिक तौर पर भी यहां की बड़ी आबादी रूस से खुद को जोड़ती है. लिहाजा रूस ने अब इन क्षेत्रों के लोगों को रूसी पासपोर्ट देना शुरू कर दिया है. ऐसे में ये दोनों शहर रूस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां की आबादी भी रूस का ही समर्थन करती है. लिहाजा कहा जा सकता है कि रूस ने कहीं न कहीं अपने ही लोगों के लिए ये हथकंडा अपनाया है.
 

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खारकीव में अभी कई छात्र फंसे हैं

बता दें कि सीजफायर का उद्देश्य लोगों को सेफ पैसेज देना है, ताकि लोग बिना किसी परेशानी वहां से निकल सकें. लेकिन इन दो शहरों के अलावा यूक्रेन के दूसरे शहरों में भी लोग फंसे हुए हैं. खारकीव में भी अभी भी कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, ऐसे में उन्हें निकालना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

भोजन और दवा पहुंचाएगा यूक्रेन

रूस की ओर से सीजफायर का ऐलान किए जाने के बाद यूक्रेन ने इसकी पुष्टि की है. साथ ही यूक्रेन की मीडिया की ओर से कहा गया है कि ह्यूमन कॉरिडोर के तहत मारियुपोल और वोल्नोवाखा में अस्थायी युद्धविराम शुरू हो गया है. सीजफायर के दौरान इन दोनों शहरों में यूक्रेन की ओर से दवा और भोजन भेजा जाएगा, जो कि रूसी हमले की वजह से दुनिया से पूरी तरह से कट गए हैं.

 

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