अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि यदि ईरान रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें देता है तो यह यूक्रेन युद्ध में एक बड़ा बदलाव होगा. यह बयान तब आया जब हाल ही में ईरान और रूस के बीच हथियारों के आदान-प्रदान की खबरें सामने आई हैं. रॉयटर्स ने अगस्त में रिपोर्ट किया था कि रूस को ईरान से सैकड़ों फतह-360 शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों की डिलीवरी का इंतजार है.
इसके साथ ही दर्जनों रूसी सेना के जवान ईरान में इन सैटेलाइट-निर्देशित हथियारों की ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे थे, ताकि उनका उपयोग यूक्रेन युद्ध में किया जा सके. शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि ईरान ने अब रूस को ये शॉर्ट-रेंज मिसाइलें भेज दी हैं. इस रिपोर्ट में एक अनाम अमेरिकी अधिकारी का हवाला दिया गया है.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सैवेट ने कहा, 'हमने रूस और ईरान के बीच गहरे होते सुरक्षा सहयोग को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी और इन रिपोर्ट्स से हम चिंतित हैं. ईरान द्वारा रूस को बैलिस्टिक मिसाइलों का कोई भी स्थानांतरण यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में ईरान के समर्थन में वृद्धि का प्रतीक माना जाएगा.' एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि वे ईरान और रूस के बीच संभावित मिसाइल ट्रांसफर पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.
ये घटनाक्रम तब सामने आ रहे हैं जब अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों ने ईरान को चेतावनी दी थी कि अगर वह रूस को इस तरह के हथियार मुहैया कराता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. पश्चिमी देशों ने हाल के महीनों में ईरान और रूस के बीच गहरे होते संबंधों पर लगातार चिंता जताई है.
ईरान के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर तेहरान का रुख बदला नहीं है. मिशन ने कहा, 'ईरान मानता है कि संघर्ष में लगे पक्षों को सैन्य सहायता प्रदान करना, जिससे लोगों के हताहत होने की संख्या में वृद्धि होती है, बुनियादी ढांचे का विनाश होता है, और संघर्षविराम के लिए होने वाले वार्ताओं से दूरी बढ़ती है, अमानवीय है.'
मिशन ने यह भी कहा कि ईरान न केवल खुद ऐसे कामों से बचता है, बल्कि वह अन्य देशों से भी अपील करता है कि वे संघर्ष में शामिल पक्षों को हथियारों की आपूर्ति बंद करें.