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Russia Ukraine War: 'एटीएम में कैश खत्म, शहर में दिख रहे सेना के टैंक', भारतीय छात्रा ने बताए यूक्रेन के ताजा हालात

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं. एटीएम में कैश खत्म हो गया है तो वहीं, शहरों की सड़कों पर सेना के टैंक नजर आ रहे हैं.

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यूक्रेन में फंसी MBBS की छात्रा बिश्वा भारती.
यूक्रेन में फंसी MBBS की छात्रा बिश्वा भारती.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छात्रा ने दूतावास के रवैये पर भी जताई नाराजगी
  • अब संकट में पड़ता लग रहा है करियर- बिश्वा भारती

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात खराब होते जा रहे हैं. रूसी सैनिकों के राजधानी कीव तक पहुंचने की खबर आ रही है, वहीं बड़ी तादाद में भारतीय भी वहां फंसे हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है. भारत सरकार की ओर से पोलैंड के रास्ते भारतीय छात्रों को निकालने की बात कही जा रही है. भारतीय छात्रों में भी अब डर घर करने लगा है.

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यूक्रेन में जो भारतीय छात्र फंसे हैं, उन्हीं में से एक हैं बिश्वा भारती. बिश्वा भारती एमबीबीएस की छात्रा हैं. बिश्वा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि भारतीय दूतावास ने सही वक्त पर रिएक्ट नहीं किया. नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमें दूतावास की ओर से गोलमोल जवाब दिया जाता रहा. अब कहा जा रहा है कि पोलैंड या रोमानिया के रास्ते वापस भारत भेजा जाएगा.

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बिश्वा ने बताया कि 24 फरवरी को उनकी कीव एयरपोर्ट से भारत लौटने के लिए फ्लाइट थी. बिश्वा यूक्रेन के Chernivtsi से एयरपोर्ट के लिए 23 फरवरी की रात में ही निकल गई थीं लेकिन एयरपोर्ट से महज 17 किलोमीटर पहले बस को रोक लिया गया और बताया गया कि रूस ने हमला कर दिया है. बिश्वा बताती हैं कि हमारी फ्लाइट कैंसिल हो गई. अब हम वापस यूनिवर्सिटी की तरफ जा रहे हैं. बस में बिश्वा के साथ और भारतीय छात्र भी हैं. बिश्वा ने बताया कि वो लोग 23 फरवरी की रात से निकले हुए हैं. 36 घंटे से सिर्फ पानी और बिस्कुट के सहारे ही हैं. 

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यूक्रेन की सड़कों पर नजर आ रहे सेना के वाहन (फोटोः पीटीआई)

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बिश्वा से हमने जिस समय बात की थी, वो बस में ही थीं और अन्य भारतीय छात्रों के साथ अपनी यूनिवर्सिटी की तरफ लौट रही थीं. उन्होंने ये भी बताया कि बस में कुछ लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई थी. हालांकि, अब सभी ठीक हैं. बिश्वा बताती हैं कि सड़क पर हालात बहुत खराब हैं. यूक्रेन के लोकल लोग भी पलायन करने लगे हैं. सब डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क पर कहीं-कहीं यूक्रेन की सेना के टैंक भी दिख जा रहे हैं. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह से शहर के बीच आर्मी के टैंक देखने को मिलेंगे. हालांकि, यूक्रेन की आर्मी या पुलिस हमें देखकर कोई रिएक्शन नहीं देती है.

एटीएम भी हो गए हैं खाली

बिश्वा बताती हैं कि यूक्रेन में हालात लगातार खराब हो रहे हैं. जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त होने लगा है. बिश्वा ताजा हालात बताते हुए कहती हैं कि हमारे पास कैश खत्म हो चुका है. एटीएम में भी कैश नहीं है. स्थानीय नागरिकों ने सारा कैश निकाल लिया है. उन्होंने ये भी कहा कि हमें पता चला है कि यूनिवर्सिटी के पास भी धमाके हुए हैं. यूक्रेन में एमबीबीएस अंतिम साल की पढ़ाई कर रही बिश्वा कहती हैं कि अब सब कुछ खराब होता लग रहा है. करियर भी संकट में पड़ता लग रहा है.

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सुरक्षित घर पहुंचा पलामू का शुभम

पलामू के रहने वाले महिपाल प्रसाद का इकलौता बेटा शुभम यूक्रेन की राजधानी कीव की एक यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई करता है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच शुभम सकुशल घर लौट आया है.

अपने पिता के साथ शुभम
अपने पिता के साथ शुभम

जानकारी के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से ठीक पहले वह स्वदेश लौट आया. शुभम ने 21 फरवरी को यूक्रेन छोड़ दिया था. इस्तांबुल, दुबई के रास्ते वह नई दिल्ली पहुंचा और 24 फरवरी को घर पहुंच गया जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था.

 

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