scorecardresearch
 

क्या है चीन का पीस प्लान, जिससे रूस-यूक्रेन के बीच हो सकता है युद्धविराम

चीन ने यूक्रेन और रूस के बीच एक साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए पहल की है. चीन ने संघर्ष विराम के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव में शांति वार्ता शुरू करने का आह्वान किया है. बीजिंग ने इस युद्ध में एक तटस्थ रुख रखने का दावा किया है. चीन ने पश्चिम पर यूक्रेन को हथियार प्रदान करके संघर्ष को भड़काने का आरोप लगाया है.

Advertisement
X
चीन ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति प्रस्ताव दिया है.
चीन ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति प्रस्ताव दिया है.

रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से लगातार युद्ध चल रहा है. इस संघर्ष के थमने के फिलहाल आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. एक तरफ पश्चिमी देश पूरी ताकत के साथ यूक्रेन के सहयोगी की भूमिका में देखे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ युद्ध में रूस अलग-अलग देखा जा रहा है. इसी बीच, चीन ने युद्ध समाप्त करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है. चीन ने शुक्रवार को यूक्रेन में व्यापक युद्धविराम का आह्वान किया. वहीं, यूक्रेन ने इस शांति प्रस्ताव का स्वागत किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह बीजिंग द्वारा प्रस्तावित 12-सूत्रीय पीस प्लान के कुछ हिस्सों पर विचार करने के लिए तैयार है.

Advertisement

यूक्रेन पर रूस के हमले को एक साल पूरा हो गया है. रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को अपना 'विशेष सैन्य अभियान' शुरू किया था. समाचार एजेंसी Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, मास्को के सहयोगी चीन ने दोनों पक्षों से धीरे-धीरे तनाव कम करने पर सहमति जताने का आग्रह किया. परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि संघर्ष से किसी को लाभ नहीं हुआ. बताते चलें कि इससे पहले भी चीन ने कहा था कि वह युद्ध में मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की कोशिश कर रहा है.

चीन ने अपने सहयोगी रूस की निंदा करने या अपने पड़ोसी देश में मास्को के हस्तक्षेप को 'आक्रमण' के रूप में संदर्भित करने से परहेज किया है. चीन ने रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों की भी आलोचना की है.

Advertisement

'सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए'

मंत्रालय ने अपने पेपर में कहा कि सभी पक्षों को तर्कसंगत रहना चाहिए और संयम बरतना चाहिए. आग की लपटों और बढ़ते तनाव से बचना चाहिए. संकट को और बिगड़ने या यहां तक ​​कि नियंत्रण से बाहर होने से रोकना चाहिए. हालांकि, कीव की शुरुआती प्रतिक्रिया खारिज करने वाली थी. राष्ट्रपति जेलेंस्की के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि युद्ध को समाप्त करने की किसी भी योजना में 1991 में सोवियत संघ के पतन के समय सीमाओं पर रूसी सैनिकों की वापसी शामिल होनी चाहिए. बाद में यूक्रेनी प्रेसिडेंट जेलेंस्की ने संघर्ष का एक साल पूरा होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर बातचीत की.

रूस ने कहा कि वह चीन की योजना की सराहना करता है और वह राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार है. हालांकि, नाटो की प्रतिक्रिया ने चीन के प्रस्ताव पर आशंका खड़ी कर दी. नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा- चीन के पास ज्यादा विश्वसनीयता नहीं है. क्योंकि वे यूक्रेन के अवैध आक्रमण की निंदा करने में सक्षम नहीं हैं. 

'कोई परमाणु युद्ध ना हो'

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध में तेजी लाने के संकेत दिए हैं. पुतिन ने कहा- वह पिछले वर्ष युद्ध के मैदान में बड़ी हार के बावजूद संघर्ष को दोगुना करेंगे. पुतिन के इस बयान से परमाणु हथियारों का खतरा बढ़ गया है. जबकि चीन ने कहा कि परमाणु हथियारों से बचना चाहिए.

Advertisement

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. परमाणु युद्ध नहीं लड़ना चाहिए. हम किसी भी देश द्वारा किसी भी परिस्थिति में विकास, जैविक और रासायनिक हथियारों के उपयोग का विरोध करते हैं. चूंकि युद्ध बीजिंग और मॉस्को द्वारा असीमित साझेदारी की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद शुरू हुआ था. इस बीच, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुतिन के साथ नियमित रूप से बात की है, लेकिन एक बार भी अपने यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की के साथ बातचीत नहीं की है. चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने इस सप्ताह वार्ता के लिए मास्को का दौरा किया था.

इधर, ब्राजील के नए राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने बाहरी लोगों द्वारा मध्यस्थता से शांति समझौते की आवश्यकता पर बल दिया. लूला ने ट्विटर किया और कहा- यह जरूरी है कि संघर्ष में शामिल नहीं होने वाले देशों का एक समूह शांति बहाल करने के लिए आगे आकर बातचीत की जिम्मेदारी ले. ऐसी अटकलें थीं कि राष्ट्रपति शी शुक्रवार को शांति भाषण देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

 

Advertisement
Advertisement