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Ukraine Russia War: अकेला चला 1000 KM, मां की चिट्ठी का सहारा... भावुक कर देगी 11 साल के बच्चे की कहानी

Ukraine Russia War 13th day: सोशल मीडिया पर यूक्रेन के 11 साल के बच्चे की हिम्मत की तारीफ हो रही है. इस बच्चे ने यूक्रेन से 1000 किलोमीटर का सफर तय किया है.

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तस्वीर में बच्चे की मुस्कान के पीछे का दर्द आसानी से भांपा जा सकता है.
तस्वीर में बच्चे की मुस्कान के पीछे का दर्द आसानी से भांपा जा सकता है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बच्चे ने 1000 किलोमीटर का सफर अकेले तय किया है
  • बच्चे के पास एक बैग, नोट और एक टेलीफोन नंबर मिला है

Ukraine Russia War: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का मंगलवार को 13वां दिन हो चुका है. रूस, यूक्रेन के तमाम बड़े शहर कीव, खारकीव और सूमी में गोलाबारी कर रहा है. यूक्रेन में चारों तरफ कुछ नजर आ रहा है तो वो है सिर्फ तबाही और लोगों के घाव. जहां तक नजर जा रही है मलबा, आग, धुआं और टूटी दिख रही इमारतों के साथ उम्मीद भी टूटती हुई नजर आ रही है. तनावपूर्ण हालात के बीच एक 11 साल के बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

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युद्ध के बीच इस 11 साल के मासूम ने 1000 किलोमीटर का सफर अकेले तय किया. इस दौरान न तो बच्चे के साथ उसकी मां का आंचल था और न ही पिता का साया. कुछ था तो वो जिंदा रहने की एक उम्मीद. यूक्रेन को छोड़कर 1000 किलोमीटर अकेले यह बच्चा स्लोवाकिया पहुंचा है. 

बताया जा रहा है कि यह 11 साल का ये बच्चा दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के जपोरिजजिया का रहने वाला है, जहां यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु पावर प्लांट है. इस हिस्से पर रूस अपना कब्जा कर चुका है. जिसके कारण लोग शहर को छोड़कर भाग रहे हैं.

युद्ध के बीच बच्चे की बहादुरी की कहानी वायरल हो रही है.

मां का नोट और बैग बने सहारा

1000 किलोमीटर सफर के दौरान बच्चे के पास एक बैग और मां का नोट था. इस नोट पर किसी का फोन नंबर भी लिखा हुआ है. स्लोवाकिया की मिनिस्ट्री ने इस बच्चे की कहानी और तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. अपने पोस्ट में मिनिस्ट्री ने लिखा, 'जापोरिज्जिया का 11 साल का लड़का यूक्रेन से स्लोवाकिया सीमा पार आया था. उसके हाथ पर एक प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और फोन नंबर लिखा था. वो अकेला आया क्योंकि उसके माता-पिता को यूक्रेन में रहना था. यहां वालंटियर उसकी देखभाल की, उसे गर्मजोशी में ले गए और उसे खाने और पीने की चीजें दीं.'

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मिनिस्ट्री ने आगे लिखा, 'बच्चे ने अपनी मुस्कान, निडरता और एक रीयल हीरो के संकल्प से हर किसी को जीत लिया. हाथ पर नंबर और पासपोर्ट में एक कागज के टुकड़े के लिए धन्यवाद, जिससे यहां के लोग बच्चे के पेरेंट्स से संपर्क साध पाए. इस तरह एक अच्छी कहानी खत्म हुई.'

11 साल के बच्चे ने बेशक अपनी बहादुरी से लोगों का दिल जीत लिया हो, लेकिन उसकी कहानी ने दुनिया को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा यह युद्ध कितने मासूमों के चेहरे की मुस्कान को छिनेगा और आखिर ये कब तक चलता रहेगा.

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