यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia Crisis) के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका, यूरोप समेत विश्व के कई देशों की चेतावनी के बावजूद रूस पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है. तनावपूर्ण स्थिति के बीच यूक्रेन ने बड़ा दावा किया है. यूक्रेन का कहना है कि पूर्वी क्षेत्र में उनका एक सैनिक मारा गया है. यूक्रेन की सेना की ओर से ये भी कहा गया है कि उसके 6 सैनिक घायल हुए हैं.
यूक्रेन की ओर से यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब रूस के 100 से ज्यादा मिलिट्री ट्रक और सैनिक यूक्रेन की ओर से जाते दिखाई दिए हैं. ऐसे में रूस-यूक्रेन संकट के बीच दोनों देशों की सीमा पर हालात बिगड़ने के आसार हैं.
दरअसल, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने देश को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका को निशाने पर लिया और यूक्रेन को पश्चिमी मुल्कों की कठपुतली करार दिया था. इसके बाद एक बैठक कर डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र घोषित कर दिया था.
इतना ही नहीं, रूस की संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत वे अपनी सेना को दूसरे देश में कार्रवाई करने के लिए भेज सकते हैं. इसे लेकर पुतिन ने कहा कि अभी उनके पास सारे विकल्प खुले हैं.
अमेरिका ने बाल्टिक देशों में भेजे सैनिक व हथियार
रूस के कदम के बाद अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसके अलावा अमेरिका ने बाल्टिक देशों में अमेरिकी सैनिक व हथियार भेजे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पहले ही कह चुके हैं कि नाटो अपनी एक इंच जमीन की भी रक्षा करेगा. दोनों शक्तिशाली देशों के बीच गहराते टकराव से बड़े युद्ध की आशंका भी गहरी होती जा रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्वी यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के पुतिन के फैसले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. बाइडेन ने कहा कि, दो वित्तीय संस्थान वीईबी और रूस के सैन्य बैंक अब प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं. रूसी अभिजात वर्ग और उनके परिवारों के खिलाफ और प्रतिबंधों लगाए जाने की संभावना है. अमेरिका यूक्रेन को और अधिक रक्षात्मक सहायता भेज रहा है और बाल्टिक सहयोगियों के साथ अमेरिकी सेना तैनात कर रहा है, जो नाटो के सदस्य हैं.
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