यूक्रेन में रूसी आक्रमण 16 वें दिन भी जारी है. ऐसे में जो देश छोड़ना नहीं चाहते हैं उन यूक्रेनियों के लिए बम शेल्टर ही घर हो गए हैं. आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग लगातार रूसी बमबारी और हवाई हमलों का शिकार होने से बचने के लिए इन आश्रयों में एक साथ हैं.
हालांकि, बम शेल्टर के अंदर भी, यूक्रेनियन एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं. दरअसल, रूसी और यूक्रेनियन एक जैसे दिखते हैं और उनकी बोली भी लगभग एक जैसी ही है. इसलिए, यूक्रेन में प्रवेश करने वाले रूसी सैनिक बम शेल्टर या सुरक्षित घरों में आराम से घुसपैठ कर सकते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए, यूक्रेनियों ने एक अनोखा तरीका अपनाया है.
इंडिया टुडे की विदेश मामलों की संपादक गीता मोहन यूक्रेन के एक बंकर में गईं, जहां उन्हें यूक्रेनियन जैसे दिखने वाले और बम शेल्टर में प्रवेश करने वाले रूसियों से निपटने का तरीका बताया गया. दरअसल, बम शेल्टरों में चॉक के साथ विभिन्न बोर्डों पर कई वाक्य लिखे गए हैं.
एक यूक्रेनी दीना जो बम आश्रयों में मदद कर रही है, बताती हैं कि यह सबसे दिलचस्प हिस्सा है. यहां लिखे शब्दों के साथ एक यादृच्छिक वाक्य है जो यूक्रेनियन के लिए यूनीक है. उच्चारण अजीब है और एक रूसी इसे यूक्रेनियन की तरह कभी नहीं पढ़ सकता है. ऐसे में इस टेस्ट की मदद से शेल्टर में घुसने की रूसी घुसपैठियों की कोशिश को नाकाम किया जा सकता है.
अंग्रेजी में, वाक्यांश का अनुवाद है, "लोमड़ी बेवकूफ बातें या झूठ बोल रही है. लोमड़ी यूक्रेनी राष्ट्रीय ट्रेन में रोटी ले जा रही है.'' जैसा कि बताया गया है कि इस वाक्यांश का कोई मतलब नहीं है लेकिन शब्दों का उच्चारण अजीब है. रूसी उसी तरह शब्दों का उच्चारण नहीं कर सकते जैसे यूक्रेनियन करते हैं. यह रूसी धोखेबाजों को यूक्रेन में बम आश्रयों के अंदर आने से रोकने में मदद करता है.