लेबनान (Lebanon) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बुहाबिब ने गुरुवार, 26 सितंबर को इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध विराम की बात दोहराई और चेतावनी दी कि उनका देश एक 'ऐसे संकट का सामना कर रहा है, जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा है.'
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए बुहाबिब ने कहा, "हमारे लोगों का भविष्य और हमारी समृद्धि खतरे में है. यह ऐसी स्थिति है, जिसमें तत्काल आधार पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की जरूरत है, इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए और इस संकट को रोकना नामुमकिन हो जाए."
बुहाबिब का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब इजरायल ने गुरुवार को वैश्विक स्तर पर युद्ध विराम के आह्वान को खारिज कर दिया. वाशिंगटन में अपने सबसे बड़े सहयोगी की अवहेलना की और हमले जारी रखे, जिससे लेबनान में सैकड़ों लोग मारे गए और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई.
अमेरिका और फ्रांस की युद्धविराम की कोशिश
इजरायल के रुख के बावजूद, अमेरिका और फ्रांस ने बुधवार को प्रस्तावित 21 दिवसीय तत्काल युद्धविराम की उम्मीदों को जिंदा रखने की कोशिश की और कहा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान भी वार्ता जारी रहेगी.
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक इजरायली लड़ाकू विमान ने राजधानी बेरूत के किनारों पर हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए, जिनमें एक महिला की हालत गंभीर है. इससे रात भर और गुरुवार को मरने वालों की संख्या 28 हो गई और सोमवार से अब तक 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
इजरायल का दावा- यमन की मिसाइल रोकी
इजरायली सेना ने कहा कि उसने शुक्रवार (27 सितंबर) को सुबह सायरन और विस्फोटों की आवाज सुनने के बाद यमन से दागी गई मिसाइल को रोक दिया.
सेना ने एक बयान में कहा, "मध्य इजरायल में बजने वाले सायरन के बाद, यमन से दागी गई सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल को इजरायली क्षेत्र के बाहर 'एरो' इंटरसेप्टर द्वारा रोक दिया गया."
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7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के साथ गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से यमन के हूती उग्रवादियों ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर बार-बार मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं. जुलाई में, हूती ने पहली बार तेल अवीव पर ड्रोन दागा, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. होदेइदाह बंदरगाह के पास हूती सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले में इजरायल के द्वारा किए गए हमलों में 6 लोग मारे गए और 80 घायल हो गए.