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गाजा हिंसा पर इस्राइल के खिलाफ भारत का वोट, अमेरिका समर्थन में

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा ने गाजा में फलस्तीनियों की मौत के लिए इजराइल की निंदा करने वाले अरब समर्थित प्रस्ताव को भारी बहुमत से स्वीकार कर लिया है. इस्राइल के खिलाफ इस प्रस्‍ताव के समर्थन में भारत ने भी वोट किया है. हालांकि अमेरिका ने इसका पुरजोर विरोध किया. 

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सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा ने गाजा में फलस्तीनियों की मौत के लिए इस्राइल की निंदा करने वाले अरब समर्थित प्रस्ताव को भारी बहुमत से स्वीकार कर लिया है. इस्राइल के खिलाफ इस प्रस्‍ताव के समर्थन में भारत ने भी वोट किया है. हालांकि अमेरिका ने इसका पुरजोर विरोध किया.

यह है मामला

दरअसल, बीते मार्च महीने के अंत में गाजा से लगती सरहद के पास शुरू हुए प्रदर्शनों में इस्राइल गोलीबारी में कम से कम 129 फलस्तीनियों की मौत हुई है, जबकि इसमें किसी इस्राइल की मौत नहीं हुई. इसी हिंसा के खिलाफ मुस्लिम देशों ने प्रस्‍ताव रखा था. इन देशों की ओर से यूएन में यह प्रस्ताव अल्जीरिया और तुर्की ने रखा.  कुल 193 सदस्यों वाली महासभा में इसके समर्थन में 120 वोट मिले, वहीं मात्र 8 सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया. शेष 45 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

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 अमेरिका ने किया प्रस्‍ताव का विरोध

वहीं, अमेरिका ने गाजा हिंसा की जिम्मेदारी हमास पर डालने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वह इसमें नाकाम रहा. यूएन महासभा को संबोधित करते हुए अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्रस्ताव को पक्षपात पूर्ण और इजराइल के खिलाफ बताकर खारिज कर दिया और अरब देशों पर आरोप लगाया कि वे संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल की निंदा करके अपने देशों में राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका ने गाजा के साथ लगती सीमा पर हिंसा भड़काने के लिए हमास की निंदा करने के लिए एक संशोधन प्रस्ताव पेश किया, लेकिन इसे स्वीकार करने के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत भी हासिल नहीं कर पाया.

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