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नेपाल हिंसा की स्वतंत्र जांच चाहता है UN

संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल में नए संविधान का मधेसी समुदाय द्वारा किए जा रहे विरोध पर बढ़ रही हिंसा की आज स्वतंत्र जांच कराने तथा नेपाल के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल के अधिक प्रयोग पर चिंताओं के बीच तथ्यों की पुष्टि करने की बात कही है.

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संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल में नए संविधान का मधेसी समुदाय द्वारा किए जा रहे विरोध पर बढ़ रही हिंसा की आज स्वतंत्र जांच कराने तथा नेपाल के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल के अधिक प्रयोग पर चिंताओं के बीच तथ्यों की पुष्टि करने की बात कही है.

मानवाधिकार मामलों के संयुक्त राष्ट्र आयुक्त ने यह कदम नेपाली सुरक्षा बलों द्वारा चार प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या किए जाने की पृष्ठभूमि में उठाया है.  देश के तराई क्षेत्र में इस सप्ताहांत पर हिंसा की ताजा घटनाओं के दौरान ऐसा हुआ.

देश के दक्षिणी मैदानी हिस्से में प्रदर्शनकारियों ने भारत के साथ महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों को पिछले 100 से ज्यादा दिनों से अवरूद्ध किया हुआ है और इस दौरान हुई छिटफुट हिंसा की घटनाओं में करीब 50 लागों की जान गई है.

मानवाधिकार संगठन की प्रवक्ता रवीना शामदसानी ने यहां कहा, ‘तथ्यों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच की और हिंसा करने वालों को कानून के जद में लाने की स्पष्ट आवश्यकता है’ उन्होंने कहा कि वैश्विक संगठन के पास सूचना है कि सप्ताहांत पर झड़पों में कम से कम चार लोग मारे गए हैं. उसे सूचना मिली है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है, जिसका जवाब उसने हथियारों से दिया है.

शामदसानी ने तराई क्षेत्र के निवासी मधेशियों के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रह लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की है.  मधेशी नए संविधान में अपने गृह प्रदेश बंटवारे का विरोध कर रहे हैं और संसद में बेहतर प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं.

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