संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने वाला प्रस्ताव पारित हो गया है. इसके साथ ही तत्काल संघर्ष विराम की अपील भी की गई है. वहीं एक बार फिर भारत इस प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए UNGA में अनुपस्थित रहा. इस प्रस्ताव को 140 मतों के साथ मंजूर किया गया. वहीं, 38 देश अनुपस्थित रहे और पांच सदस्य देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया.
यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस जिम्मेदार
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव पारित कर यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को दोषी ठहराया है. प्रस्ताव में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने के साथ मानवीय कर्मियों, पत्रकारों और महिलाओं तथा बच्चों सहित मुश्किल हालात में फंसे तमाम नागरिकों की रक्षा की मांग की गई है. सभी पक्षों से सशस्त्र संघर्ष और हिंसा से भाग रहे विदेशियों समेत सभी नागरिकों की हिफाजत की भी मांग की गई है. प्रस्ताव रूस की आक्रामकता के ‘गंभीर मानवीय परिणामों’ की निंदा करता है. प्रस्ताव में कहा गया है कि दुनिया ने पिछले कई दशकों में इतना बड़ा मानवीय संकट यूरोप में नहीं देखा था.
2 मार्च के प्रस्ताव की तरह इस बार भी हुई वोटिंग
भारत ने 2 मार्च संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ पेश किए गए निंदा प्रस्ताव से भी दूरी बनाई थी. प्रस्ताव पर 141 देशों ने पक्ष में और 5 देश ने खिलाफ वोट किया था. वहीं, भारत समेत 35 देशों ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाए रखी थी. रूस के पक्ष में वोट करने वाले देशों में बेलारूस, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (नॉर्थ कोरिया), ईस्ट अफ्रीका के देश एरितरेया, रूस और सीरियन अरब रिपब्लिक (सीरिया) शामिल रहे थे.
11 लाख लोगों को शरण देगा अमेरिका
नाटो समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फैसला किया है कि वो यूक्रेन के 1 लाख लोगों को शरण देगा. इसके अलावा 1 अरब डॉलर मदद के तौर पर मुहैया कराए जाएंगे. इसके पहले, अमेरिका करीब 600 मिलियन डॉलर की मदद दे चुका है.
जरूरत पड़ी तो रूस पर और बैन लगाएंगे: मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नाटो और जी-7 नेताओं की बैठक के बाद कहा कि अगर जरूरी हुआ तो पश्चिमी ताकतें रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उनका असर दिखा है और हमें ऐसे प्रयास जारी रखने चाहिए.
जेलेंस्की ने इस बार नहीं की नो फ्लाई जोन की मांग
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इस नाटो की आपात बैठक में यूक्रेन में नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग नहीं दोहराई क्योंकि नाटो इसे पहले ही खारिज कर चुका है. पश्चिमी देशों के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे किसी भी कदम से नाटो और रूस के बीच प्रत्यक्ष टकराव पैदा हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुसार इससे तृतीय विश्व युद्ध छिड़ सकता है.
UNSC में भी रहा था अनुपस्थित
यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हुई बैठक में वोटिंग के दौरान भी भारत अनुपस्थित रहा था. अनुपस्थित रहने वाले देशों में चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ यूएन की आम सभा बुलाने की मांग के समर्थन में 11 देशों ने वोट किया जबकि रूस ने इसके खिलाफ वोट किया था.