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ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन ने दिया इस्तीफा, मंत्रियों की बगावत के चलते गई कुर्सी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वे 41 मंत्रियों की बगावत के बाद दबाव का सामना कर रहे थे. जॉनसन अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में घिर गए थे. दो दिन में 40 से ज्यादा इस्तीफे आने के बाद से ही उनके ऊपर काफी दबाव था.

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बोरिस जॉनसन (File Photo)
बोरिस जॉनसन (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 41 मंत्रियों की बगावत के बाद बढ़ गया था इस्तीफे का दबाव
  • बोरिस की पार्टी के लोग ही मांग रहे थे उनका इस्तीफा

बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. पिछले कई दिनों से उन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के मंत्रियों ने भी उनका साथ छोड़ना शुरू कर दिया था. आखिरकार दबाव बढ़ने के बाद आज उन्होंने पीएम की कुर्सी छोड़ने का फैसला कर लिया.

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बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत यहां तक बढ़ गई थी कि दो दिन के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे हो गए थे. उनके खिलाफ 41 मंत्रियों ने बगावत कर दी थी. ये पूरा विवाद क्रिस पिंचर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था.

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30 जून को ब्रिटिश अखबार 'द सन' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. पिंचर पर इससे पहले भी यौन दुराचार के आरोप लगते रहे हैं.

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द सन की रिपोर्ट आने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनकी ही पार्टी के सांसदों का कहना था कि जॉनसन को उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, उसके बाद भी उन्हें नियुक्त किया गया. वहीं, 1 जुलाई को सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जॉनसन को इन आरोपों की जानकारी नहीं थी.

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इसके बाद 4 जुलाई को फिर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके लिए नियुक्ति न करना सही नहीं समझा, क्योंकि आरोप अभी तक साबित नहीं हुए थे.

सबसे पहले 5 जुलाई को वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था कि लोगों को उम्मीद होती है कि सरकार ठीक तरह से काम करे. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है. इन दोनों के अलावा 2 कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया था.

पिछली बार बच गई थी कुर्सी

इससे पहले बोरिस जॉनसन पर एक बार पहले भी इस्तीफे की तलवार लटकी थी, लेकिन तब वे कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए थे. दरअसल, जून में  'पार्टी गेट' विवाद सामने आया था. विवाद के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के 50 से ज्यादा सांसदों ने बोरिस जॉनसन से इस्तीफे की मांग की थी. लेकिन PM बोरिस जॉनसन उस वक्त विश्वास मत जीतने में सफल हो गए थे. सदन में उन्हें 211 और विपक्ष को 148 वोट हासिल हुए थे.

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क्या था 'पार्टी गेट' विवाद?

जून 2022 में बोरिस पर आरोप लगा था कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच 19 जून, 2020 को जॉनसन ने पार्टी का आयोजन किया था. इस दिन उनका जन्मदिन था और वे 56 साल के हुए थे. इस दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में जॉनसन की पत्नी कैरी ने पार्टी का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में करीब 30 लोग शामिल थे.जिस समय पार्टी आयोजित की गई उस वक्त कोरोना लॉकडाउन लागू था, और कार्यक्रमों में दो से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं थी. इस पूरे विवाद को पार्टीगेट घोटाला नाम दिया गया था.

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