संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा है कि बढ़ते आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पूरी दुनिया को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 'सरकारें अकेले यह काम नहीं कर सकतीं.'
संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद का मुकाबला करने पर नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसक आतंकवादी समूह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रत्यक्ष खतरा हैं. ये बेबर्दी से महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाते हैं. साथ ही शांति, न्याय और मानवीय गरिमा के मूल्यों को कमजोर करते हैं.
'आतंकवादी लड़ाकों की संख्या में 70 फीसदी बढ़ोतरी'
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि ताजा डाटा दर्शाता है कि संघर्षरत क्षेत्रों में पड़ने वाले 100 से ज्यादा देशों में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की संख्या में 70 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
बान की-मून ने कहा, 'संयुक्त प्रयास आतंकवाद का सफलतापूर्वक सामना करने का मुख्य उपाय है. हमें पूरे समाज-धार्मिक नेताओं, महिला नेताओं, कला, संगीत और खेल के अग्रणी लोगों को अपने साथ जोड़ने की जरूरत है.'
ऐसे खत्म होगा आतंकवाद!
महासचिव ने कहा कि आतंकवाद का सफलतापूर्वक सामना करने के अन्य मुख्य उपायों में युवा लोगों से संपर्क बनाना और सही मायने में जवाबदेह व्यवस्थाएं तैयार करना शामिल है. इसके अलावा उन्होंने अगले साल की शुरुआत में महासभा में हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए एक व्यापक योजना पेश करने की अपनी योजना भी बताई.
- इनपुट IANS