संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वादा किया जा रहा है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और सार्वभौम सहभागिता पर आधारित होगी.
यूरोप की महिला को लाने की है कोशिश
इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि विश्व की शीर्ष संस्था के इस शीर्ष पद पर कोई महिला विराजमान हो और यह भी कि उसका संबंध पूर्वी यूरोप से हो. पूर्वी यूरोप से आज तक कोई
भी इस पद पर आसीन नहीं हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष मोगेन्स लाइकतोफ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अध्यक्ष सामांथा पावर ने मंगलवार को सदस्य देशों का आह्वान किया
कि वे महासचिव पद के लिए महिलाओं को नामित करें.
अगले साल खत्म होगा बान की-मून का कार्यकाल
मौजूदा महासचिव बान की-मून का दूसरा कार्यकाल 2016 में खत्म होगा. वो दूसरी बार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. साल के दूसरे हिस्से में नए महासचिव का चुनाव किया
जाएगा.
इस बार होगा खुला चुनाव
लाइकतोफ ने कहा कि इस बार चुनाव में खुलापन होगा, पांच शक्तिशाली देशों (सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति रखने वाले स्थाई सदस्य) के नियंत्रण से इस प्रक्रिया को मुक्त किया जाएगा.
लाइकतोफ ने संवाददाताओं से कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में पहली बार सदस्य राष्ट्र सीधे इस चुनाव के भागीदार बनेंगे.' संयुक्त राष्ट्र के 70 साल के इतिहास में चुने गए आठ महासचिवों
के मामले में यही हुआ था कि पर्दे के पीछे सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों ने कोई नाम तय कर लिया और इसके बाद बाकी देशों ने इस नाम पर सहमति जताने की औपचारिकता निभा दी.
संयुक्त राष्ट्र चार्टर स्थायी सदस्यों को एक ही नाम सुझाने को जरूरी नहीं बताता लेकिन 1946 के एक प्रस्ताव में इसे 'इच्छित' बताया गया और फिर यही व्यवहार बन गया.
सीधे मतदाताओं से मिलेंगे प्रत्याशी
लाइकतोफ और पावर ने सदस्य राष्ट्रों के नाम संबोधित अपने पत्र में कहा कि इस बार के चुनाव में 193 सदस्य राष्ट्रों की शक्ति अपने आप बढ़ेगी. प्रक्रिया को ऐसा बनाया जाएगा कि सभी
प्रत्याशियों की अनौपचारिक मुलाकात सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों से होगी. यह किसी भी लोकतंत्र में होने वाले चुनाव की तरह होगा जिसमें प्रत्याशी, सीधे मतदाताओं से मिलते हैं.
पुरुषों के नाम की भी अपील
पत्र में सदस्य राष्ट्रों से अपील की गई है कि महासचिव पद के लिए महिलाओं का नाम और पुरुषों का भी नाम, प्रस्तावित करें. कई संगठन और नेता इस बात की आवाज उठा रहे हैं कि
महासचिव पद पर इस बार किसी महिला का ही चयन होना चाहिए. मीडिया को यह पत्र जारी करते हुए लाइकतोफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद पर महिला की नियुक्ति के पक्ष में
और उसके पूर्वी यूरोप के होने के पक्ष में काफी भावनाएं पाई जा रही हैं. लेकिन, यह सदस्य देशों पर है कि वे किसे चुनते हैं.