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पीएम इमरान ने मारी पलटी! कहा- कश्मीर में धारा 370 बहाल होने तक भारत संग रिश्ते सामान्य नहीं

हाल ही में पाकिस्तान की कैबिनेट इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में भारत के साथ कपास और चीनी का ट्रेड शुरू करने की अपील की गई थी. कमेटी की इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान आधिकारिक रूप से भारत से व्यापार शुरू करने की तैयारी में था.

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान. (फाइल फोटो)
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत संग व्यापार के फैसले पर विपक्ष ने की थी आलोचना
  • 19 माह से बंद है भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार
  • EC कमेटी की बैठक में भारत से व्यापार पर हुई थी चर्चा

भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार शुरू होने को लेकर हो रही चर्चा के बीच पीएम इमरान खान पलटी मार गए हैं. एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान पीएम इमरान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जबतक फिर से धारा 370 लागू नहीं हो जाती, भारत और पाकिस्तान के बीच तब तक रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते.

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बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान की कैबिनेट इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में भारत के साथ कपास और चीनी का ट्रेड शुरू करने की अपील की गई थी. कमेटी की इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान आधिकारिक रूप से भारत से व्यापार शुरू करने की तैयारी में था लेकिन इस बीच एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खियां बढ़ती नजर आ रही हैं.

इमरान पर विपक्ष का दबाव

भारत संग व्यापार शुरू करने को लेकर पाकिस्तान में विपक्ष ने पीएम इमरान खान को घेरा था. पाकिस्तान के कई विपक्षी नेता, पत्रकारों ने इमरान सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी और इसे कश्मीर मसले से समझौता करना बताया था. पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएलएम-एन) ने सवाल किया था कि भारत ने कश्मीर को लेकर अपना रुख बदल दिया है क्या? अगर ऐसा नहीं है तो इमरान खान ने यू टर्न क्यों ले लिया?

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कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से व्यापार ठप

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खटास जगजाहिर है. लेकिन 5 अगस्त 2019 को भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का बंटवारा कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने और संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद से पाकिस्तान और बौखला गया है. पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिए थे. उससे पहले भारत भी पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर 200% का आयात शुल्क लगा चुका था. इस तरह दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग ठप हो गया था.

 

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