सांसद जेएम हारुन रशीद ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने बलात्कार या महिलाओं के किसी भी प्रकार के अपमान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा कि भारत का नया आपराधिक कानून दुनिया के सबसे कड़े कानूनों में शामिल है.
हारुन ने न्यूयार्क में इंडियन नेशनल ओवरसीज़ कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बलात्कार जैसे अपराधों से सख्ती से निपटने के लिए बनाए गए नए कानून के तहत अपराधी को कम से 20 वर्ष के कड़े कारावास की सजा दिए जाने का प्रावधान है. यह सजा आजीवन कारावास में भी बदल सकती है.
बलात्कार विरोधी कानून में संशोधन का मसौदा तैयार करने में मदद करने वाले और गृह मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य हारुन ने प्रवासी भारतीयों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा और 60 दिनों में ऐसे मामलों का निपटारा कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का मानना है कि भारतीय महिलाएं सुरक्षित रहनी चाहिए तथा जब देश प्रगति कर रहा है और दुनिया के नेताओं से उसे विकास के लिए प्रशंसा मिल रही है, ऐसे में विदेशों में भारत की छवि पर धब्बा लगाने वाली इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’
हारुन ने कहा कि नए कानून में अपराधियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान हैं. इस कानून के तहत यदि कोई पीछा करने या घूरने का दोषी पाया जाता है तो यह गैर जमानती अपराध होगा. इसके साथ ही तेजाब से हमला करने वाले को 10 साल कारावास की सजा होगी. हारुन ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय का भी दौरा किया और अधिकारियों से मुलाकात की.