पाकिस्तान के सुरक्षा सहायता को रोके जाने के फैसले का आतंकी सईद की रिहाई से कोई संबंध नहीं है. अमेरिका ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि मुंबई आतंकी हमलों के सरगना हाफिज सईद की पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहाई को लेकर चिंतित है.
वाशिंगटन ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता राशि पर लगी रोक का और ट्रंप प्रशासन के फैसले का कोई संबंध नहीं है.
बता दें कि जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद को हाल ही में नजरबंदी से रिहा किया गया था. अमेरिका ने जेयूडी और फलह ए इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को लश्कर ए तैयबा संगठन के लिए ‘आतंकी मुखौटा’ करार दिया है. लश्कर ए तैयबा का गठन सईद ने 1987 में किया था और मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए भारत और अमेरिका ने उसे जिम्मेदार ठहराया है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट से जब पूछा गया कि क्या सुरक्षा सहायता रोकने का संबंध सईद से है जिसे पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में रिहा कर दिया था, हीथर ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान में नजरबंद 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड को रिहा करने को लेकर निश्चित ही चिंता व्यक्त की है, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार इसका इससे कोई लेना देना नहीं है.’
हीथर ने कहा, ‘पाकिस्तान में रिहा किए गए मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड की कोई सूचना, जिससे उसकी दोबारा गिरफ्तारी हो सके, देने वाले को एक करोड़ डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की गई है. हमने उस व्यक्ति को छोड़े जाने पर अपनी नाखुशी बिल्कुल स्पष्ट तरीके से व्यक्त कर दी है और इसलिए हम लोगों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि उसे न्याय के दायरे में लाने के लिए एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है.'
इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हमने हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के लिए पनाहगार संबंधी पाकिस्तानी मसले पर चिंता व्यक्त की है. हम उनके परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंतित हैं. हम लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे भारत विरोधी संगठनों की फंड जुटाने और अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की क्षमता को लेकर भी चिंतित हैं.’
अधिकारी ने कहा, ‘इस प्रशासन को लगता है कि हमें यह रेखांकित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता है कि हम इन संबंधों को ऑटोपायलट मोड पर आगे नहीं बढ़ा सकते. हम यथावत संबंध नहीं बनाए रख सकते. हमें इन चुनौतियों से पार पाने और हमारे संबंधों को और मजबूत आधार पर कायम करने की आवश्यकता है.’
उन्होंने पाकिस्तान द्वारा हाफिज सईद को दोबारा गिरफ्तार किए जाने या नहीं किए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैंने उन्हें यह कहते नहीं देखा कि वे हाफिज सईद को फिर से गिरफ्तार नहीं करेंगे या वे उसके खिलाफ अभियोग नहीं चलाएंगे.’