इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा अमेरिकी सहायताकर्मी पीटर कासिग का सिर कलम करने की घटना वीडियो के जरिए दिखाए जाने के बाद कासिग के माता-पिता ने कहा कि अपने बेटे की मौत से वे टूट गए हैं. एड और पौला कासिग ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए बयान में कहा, ‘हमारा दिल यह जानकर टूट गया है कि हमारे बेटे अब्दुल-रहमान पीटर कासिग ने सीरियाई लोगों के प्रति अपने प्रेम और उन लोगों के कष्टों को कम करने की अपनी इच्छा के चलते अपनी जान गंवा दी.’
आईएस आतंकियों द्वारा जारी किए गए वीडियो में कासिग और 18 लोगों का सिर कलम करते हुए दिखाया गया है. इन लोगों को आतंकी उसे सीरियाई सेना का सदस्य बता रहे थे. कासिग ने इस्लाम स्वीकार करने के बाद अपना नाम अब्दुल-रहमान रख लिया था. उसकी मौत की पुष्टि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की. 26 वर्षीय कासिग को पिछले साल पकड़ा गया था और 03 अक्टूबर को ब्रिटिश सहायताकर्मी ऐलन हेनिंग का सिर कलम होते दिखाने वाले वीडियो में उसके बारे में धमकी दी गई थी.
कासिग के माता-पिता ने लिखा, ‘दूसरों की जिंदगियां बचाने की तीव्र इच्छा रखने वाले अब्दुल-रहमान को उन शिविरों की ओर खिंचाव महसूस हुआ, जो विस्थापित परिवारों से भरे पड़े थे. उसका झुकाव सीरिया के उन अस्पतालों की ओर भी हुआ, जहां कर्मचारियों की कमी थी. हम जानते हैं कि उसे सीरियाई लोगों के बीच में ही अपना घर मिल गया था और जब उन्हें चोट पहुंचती थी, तब उसे भी पीड़ा होती थी. कासिग ने एक ऐसा सहायता समूह बनाया, जिसके जरिए उसने लगभग 150 नागरिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सीरियाई लोगों को चिकित्सीय मदद उपलब्ध करवाने के लिए प्रशिक्षित किया. उसका समूह जरूरतमंदों को भोजन, भोजन पकाने का जरूरी सामान, कपड़े और दवाईयां भी देता था.’
कासिग दंपति ने लिखा, ‘हमें अपने बेटे पर गर्व है कि उसने अपनी मानवतावादी पुकार के अनुरूप अपना जीवन जिया. हम दुनिया भर से हमारे बेटे के लिए की जाने वाली प्रार्थनाओं के लिए हमेशा आभारी हैं.’ उन्होंने कहा कि उन्हें उन अमेरिकी पत्रकारों- जेम्स फोले और स्टीवन सॉटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कर्मियों- डेविड हेन्स एवं हेनिंग के परिवारों के लिए भी दुख है, जिन्हें बंधक बनाकर आईएस ने उनके सिर कलम कर दिए थे.
इनपुटः भाषा