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नॉर्थ कोरिया पर कार्रवाई की रणनीति तैयार, अब ड्रैगन भी नहीं बचा पाएगा

अब उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण करने से अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और रूस समेत दुनिया के कई देशों का सब्र खत्म होता दिख रहा है. लिहाजा उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार और मिसाइल परीक्षण से हरहाल में रोकने के लिए रणनीति तैयार होने लगी है.

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उत्तर कोरिया के खिलाफ रणनीति तैयार
उत्तर कोरिया के खिलाफ रणनीति तैयार

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संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और चेतावनियों की धज्जियां उड़ाकर हाइड्रोजन बम परीक्षण करने वाले उत्तर कोरिया पर लगाम कसने के लिए अमेरिका और जापान ने मिलकर नए सिरे से रणनीति बना ली है. अब उसे उसका सबसे बड़ा मददगार चीन भी नहीं बचा पाएगा. ब्रिक्स समिट से पहले हुए इस परीक्षण को लेकर घिरा ड्रैगन खुद अपना पल्ला झाड़ने में ही लगा है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने जापान के ऊपर से मिसाइल गुजार कर गुआम के समीप गिराया था, जिसके बाद से अमेरिका के साथ ही जापान का भी पारा चढ़ गया था.

अब उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण करने से अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और रूस समेत दुनिया के कई देशों का सब्र खत्म होता दिख रहा है. लिहाजा उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार और मिसाइल परीक्षण से हरहाल में रोकने के लिए रणनीति तैयार होने लगी है. इस हाइड्रोजन बम परीक्षण के कुछ देर बाद ही डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से फोन पर 20 मिनट तक बातचीत की.

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इसे भी पढ़िएः नॉर्थ कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण से बिफरे ट्रंप, मददगार चीन घिर सकता है ब्रिक्स समिट में

इस दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि आखिर उत्तर कोरिया को किस तरह जवाब दिया जाए? बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और शिंजो अबे इस मामले को लेकर उत्तर कोरिया कड़ा संदेश देने पर सहमत हुए हैं. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर और कड़ी कार्रवाई करने का प्रस्ताव लाया जाएगा. माना जा रहा है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया एक साथ उत्तर कोरिया पर सैन्य कार्रवाई का फैसला ले सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इसके साफ संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, 'मैं दक्षिण कोरिया को बता चुका हूं कि उत्तर कोरिया के साथ तुष्टिकरण की वार्ता काम नहीं करेगी. वह सिर्फ एक ही चीज समझता है!' ट्रंप का 'एक चीज' का मतलब सैन्य कार्रवाई बताई जा रही है.

 

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की इस करतूत के लिए चीन को भी दोषी ठहराया है और करारा हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया कि उत्तर कोरिया एक दुष्ट राष्ट्र है, जो बहुत बड़ा खतरा बन गया है और यह चीन के लिए शर्मनाक है. चीन उसकी मदद करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बहुत कम सफल हो रहा है. वहीं, कोरियाई प्रायद्वीप में पहले से ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. वहां पर अमेरिका के जंगी बेड़ा और लड़ाकू विमान भी मौजूद हैं.

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रूस ने भी दी चेतावनी

चीन में ब्रिक्स समिट शुरू होने से महज कुछ घंटे पहले रूस ने भी हाइड्रोजन बम परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया को कड़ी चेतावनी दी है. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधानों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन निंदनीय है. उत्तर कोरिया का नेतृत्व क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है. रूस ने चेतावनी दी कि ऐसी हरकत जारी रखने पर उत्तर कोरिया को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. वहीं, चीन ने उत्तर कोरिया के खिलाफ एकजुट विश्व समुदाय के सुर में सुर मिलाया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण करने की निंदा की है.

 

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