वेनेजुएला की मौजूदा स्थिति पर अमेरिका और रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को परस्पर विरोधी प्रस्ताव सौंपे हैं. कूटनीतिक सूत्रों की मानें तो सुरक्षा परिषद इस प्रस्ताव पर विचार करेगी.
बुधवार को एफे न्यूज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने वेनेजुएला की विपक्ष के नेतृत्व वाली नेशनल असेंबली के नेता को देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दी है, जबकि रूस निवर्तमान राष्ट्रपति निकोलस मदुरो को समर्थन दे रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की ओर से सुरक्षा परिषद को सौंपे गए प्रस्तावों को संगठन के 15 सदस्यों के बीच प्रसारित किया गया है और परिषद गुरुवार को एक ही सत्र में दोनों प्रस्तावों पर विचार कर सकती है.
अमेरिका ने अपने प्रस्ताव में 'वेनेजुएला में शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया की शुरू करने की मांग की है ताकि देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और राष्ट्रपति चुनाव विश्वसनीय तरीके से कराए जा सकें. साथ ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से इस दिशा में कार्य करने का आग्रह किया गया है.
मई 2018 में हुए चुनाव को अमेरिका अवैध मानता है, जिसमें मदुरो दूसरे कार्यकाल के लिए सत्तासीन हुए थे. वहीं, रूस ने अपने प्रस्ताव में मदुरो प्रशासन के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करने की चेतावनी दी है. उसके अलावा देशों के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों पर जोर दिया गया है.
किसी भी प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में पारित करने के लिए 9 वोटों की मंजूरी मिलनी जरूरी है और इसमें अमेरिकी प्रस्ताव के पारित होने की संभावना ज्यादा लग रही है क्योंकि अमेरिका सहित इटली को छोड़कर प्रमुख यूरोपीय शक्तियों समेत करीब 50 देश गुआइदो के समर्थन में हैं. हालांकि, सभी स्थायी सदस्य - अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के पास प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति है और मॉस्को निश्चित तौर पर अमेरिका के प्रस्ताव में रोड़ा अटकाने की कोशिश करेगा.