श्रीलंका में जारी राजनीतिक घमासान के बीच अमेरिका ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरिसेना से तत्काल संसद का सत्र बुलाने के लिए कहा है जिससे लोकतांत्रिक ढंग से चुने हुए सांसद देश का नया प्रधानमंत्री चुन सकें.
श्रीलंका शुक्रवार से राजनीतिक भंवर में फंसा है जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने सत्तारूढ़ यूनिटी पार्टी से प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया.
वहीं शनिवार को जब बर्खास्त प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने संसद में अपना बहुमत साबित करने के लिए इमरजेंसी सत्र बुलाने की पहल की तो राष्ट्रपति ने संसद को ही बर्खास्त करने का फरमान सुना दिया. बर्खास्त प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने अपने खिलाफ राष्ट्रपति के फैसले को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया.
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गौरतलब है कि शनिवार को संसद बर्खास्त करने के तुरंत बाद श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने बर्खास्त प्रधानमंत्री की निजी सुरक्षा में लगे गार्डों के साथ-साथ सेवा में लगी सभी सरकारी गाड़ियों का काफिला छीनकर नियुक्त किए गए नए प्रधानमंत्री राजपक्षे की सेवा में तैनात करने का फैसला सुना दिया.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हेथर नुअर्ट ने बताया कि अमेरिकी सरकार का मत है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति को संसद के स्पीकर से सलाहकार तत्काल प्रभाव से संसद का सत्र बुलाने की कवायद करनी चाहिए. एक चुनी हुई संसद ही देश का नया नेतृत्व चुनने के लिए उपयुक्त है. इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका लगातार श्रीलंका की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. अमेरिका ने श्रीलंका के सभी राजनीतिक पक्षों से अपील की है कि वह मौजूदा स्थिति में हिंसा का सहारा न लें.
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गौरतलब है कि अमेरिका के अलावा संयुक्त राष्ट्र ने भी श्रीलंका की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि श्रीलंका को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संविधान में दिए प्रावधान के मुताबिक आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंकाई नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अपील की है. जनरल सेक्रेटरी अंटनियो गुटेरस ने कहा कि कानून का सम्मान करते हुए शातिपूर्ण ढंग से स्थिति को सामान्य करने की जरूरत है.