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अमेरिकी एटमी मिसाइल का बटन भारतीय के पास

अमेरिका में अप्रवासी भारतीयों को महत्वपूर्ण पद मिलते जा रहे हैं क्योंकि वहां के प्रशासन और कंपनियों का उन पर भरोसा बढ़ता जा रहा है. बड़े-बड़े संगठनों में भारतीय मूल के लोग ऊंची जगहों पर बैठ गए हैं. लेकिन अब एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद भारतीय मूल के व्यक्ति को दिया गया है. उसे एटमी मिसाइलों को फायर करने का अधिकार है.

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Symbolic photo
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अमेरिका में अप्रवासी भारतीयों को महत्वपूर्ण पद मिलते जा रहे हैं क्योंकि वहां के प्रशासन और कंपनियों का उन पर भरोसा बढ़ता जा रहा है. बड़े-बड़े संगठनों में भारतीय मूल के लोग ऊंची जगहों पर बैठ गए हैं. लेकिन अब एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद भारतीय मूल के व्यक्ति को दिया गया है. उसे एटमी मिसाइलों को फायर करने का अधिकार है.

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राष्ट्रपति बराक ओबामा अगर एटम बम छोड़ने का आदेश देते हैं तो वह भारतीय ही उसका बटन दबाएगा. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है. अखबार के मुताबिक अमेरिकी एयरफोर्स के 90 मिसाइल विंग के लेफ्टिनेंट राज बंसल की ड्यूटी मिनटमैन III के इनचार्ज के रूप में है. जब अमेरिकी राष्ट्रपति एटमी मिसाइल छोड़ने का आदेश देंगे तो यह बंसल की ही ड्यूटी होगी कि वह मिसाइल दागे.

वह अपने पार्टनर जोसेफ शैनॉन के साथ अंडरग्राउंड बंकरों में गोपनीय जगह पर रहते हैं. वे दोनों 24 घंटे की ड्यूटी बांट-बांट कर करते हैं और इस दौरान राष्ट्रपति के आदेश का इंतजार करते हैं. जब आदेश मिलेगा तो वह एक कोड लिखेंगे और मिसाइल फायर हो जाएगा.

लेफ्टिनेंट बंसल की यह कहानी हाल ही में उजागर हुई. अमेरिकी एयरफोर्स ने मीडिया को अपने एटमी प्रतिष्ठान पहली बार देखने की इजाजत दी थी. मीडिया को यह मौका इसलिए दिया गया क्‍योंकि पता चला कि वहां की ड्यूटी करने के लिए खूब चीटिंग हुई. इस पर अमेरिकी एयरफोर्स के नौ अफसरों को निकाल दिया गया. लेकिन बंसल उनमें से नहीं थे.

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मीडिया के दौरे के बाद लोगों को लेफ्टिनेंट बंसल का पता चला. बंसल की ड्यूटी जिस मिसाइल के साथ है वह इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है जो 6,000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकता है. अमेरिका के पास ऐसे 450 मिसाइल हैं. इनमें तीन-तीन एटमी हथियार लगे हुए हैं और ये हिरोशिमा पर गिराए गए एटम बम से 15 से 25 गुना ज्यादा ताकतवर हैं.

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