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बाल्टीमोर ब्रिज कोलैप्स पर अब आई कॉन्सपिरेसी थ्योरी, क्या 9/11 जैसे किसी अटैक प्लान का हिस्सा थी ये घटना?

अमेरिका के बाल्टीमोर ब्रिज कोलैप्स को लेकर अब इंटरनेट पर तरह तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी फ्लोट हो रही है. कुछ लोग इस घटना को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ इसके पीछे इजरायल का हाथ मान रहे हैं. वहीं, कुछ कह रहे कि यह तृतीय विश्व युद्ध की शुरुआत का संकेत है...

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बाल्टीमोर ब्रिज कोलैप्स को लेकर इंटरनेट पर तरह-तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी तैर रही है. (Reuters Photo)
बाल्टीमोर ब्रिज कोलैप्स को लेकर इंटरनेट पर तरह-तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी तैर रही है. (Reuters Photo)

अमेरिका के बाल्टीमोर में मंगलवार को एक कार्गो शिप पेटाप्सको नदी पर बने 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' से टकरा गया. इस टक्कर के बाद पुल का एक हिस्सा टूटकर पानी में समा गया. इस हादसे के बाद कुल 8 श्रमिक नदी में बह गए थे, जिनमें से 2 को रेस्क्यू कर लिया गया है. बाल्टीमोर प्रशासन ने बाकी 6 श्रमिकों को मृत मान लिया है और सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है. जहाज से टक्कर के बाद 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के ढहने को अमेरिका ने फिलहाल दुर्घटना ही बताया है, लेकिन इंटरनेट पर इसे लेकर तरह-तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरी तैरने लगी है. 

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कुछ लोग इस घटना को 2001 में 11 सितंबर को न्यूयॉर्क सिटी के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले से जोड़कर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि उस वारदात में हवाई जहाज का प्रयोग हुआ था, इस बार यह पानी की जहाज थी. हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि अभी उसके पास इस तरह का कोई तथ्य मौजूद नहीं है, जिससे यह माना जा सके की बाल्टीमोर ब्रिज से जहाज की टक्कर के पीछे कोई साजिश थी या पुल ढहने की घटना जानबूझकर किए गए हमले के कारण हुई. इंटरनेट पर एक थ्योरी चल रही है कि इस जहाज के साथ भी टाइटैनिक जैसा हादसा हुआ, जिससे इसने अपना नियंत्रण खो दिया और ब्रिज से टकरा गया.

सोशल मीडिया प्लेटाफार्म X पर 9 मिलियन फॉलोवर्स वाले इन्फ्लुएंसर एंड्रयू टेट ने एक पोस्ट में दावा किया कि 300 मीटर के मालवाहक जहाज पर 'साइबर अटैक' किया गया था. अमेरिका में जन्मे ब्रिटिश इन्फ्लुएंसर टेट ने लिखा, 'जहाज की लाइटें बंद थीं और इसे जानबूझकर पुल की ले आया गया. विदेशी एजेंट अमेरिका के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर रहे हैं. कुछ भी सुरक्षित नहीं है.' बस इसके बाद X और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों ने बाल्टीमोर कोलैप्स के लिए आतंकी संगठनों से लेकर इजरायल तक को दोषी ठहराना शुरू कर दिया. 

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इन्फोवार्स के फाउंडर एलेक्स जोन्स ने लिखा, 'मुझे यह जानबूझकर किया गया लगता है. साइबर अटैक की संभावना है. तृतीय विश्वयुद्ध पहले ही शुरू हो चुका है'. बता दें कि InfoWars एक अमेरिकी वेबसाइट है, जो कॉन्सपिरेसी थ्योरी फ्लोट करने के लिए जाने जाती है. बाल्टीमोर के पुलिस कमिश्नर रिचर्ड वर्ली ने कहा कि जहाज के 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' से टकराने के पीछे क्या कारण थे, इस बारे में फिलहाल कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है. लेकिन इस हादसे में आतंकवादियों की संलिप्तता का कोई संकेत नहीं है.

अमेरिकी अधिकारियों ने साजिश की संभावना को किया खारिज

सामने आए फुटेज में दिख रहा है कि टक्कर से पहले जहाज की लाइटें दो बार बंद हो जाती हैं और अंधेरा छा जाता है. मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जहाज के चालक दल ने अधिकारियों को बिजली की समस्या के बारे में सूचित किया था. आतंकवादी हमले का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं देखा गया है'. अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (FBI) के बाल्टीमोर फील्ड कार्यालय के प्रभारी स्पेशल एजेंट बिल डेलबैग्नो ने भी दोहराया कि बाल्टीमोर ब्रिज कोलैप्स के पीछे आतंकवाद का कोई सबूत नहीं है. 

कुछ यूजर्स ने इस घटना को इजरायल और गाजा युद्ध से जोड़ा

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हालांकि, अधिकारियों की तरह से दिए गए आश्वासन भी एक्स पर अफवाहों की बाढ़ को नहीं रोका सके. कुछ यूजर्स ने इस घटना को गाजा युद्ध में तत्काल युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मतदान में अमेरिका की अनुपस्थिति से जोड़ दिया. उन्होंने एक अलग ही कॉन्सपिरेसी थ्योरी फ्लोट कर दी. एक यूजर ने लिखा, 'क्या इजरायल ने वीटो पावर का उपयोग नहीं करने पर अमेरिका पर साइबर अटैक किया?' बता दें कि चीन और रूस ने UNSC में गाजा युद्ध में तत्काल युद्धविराम के लिए लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल करके इजरायल का साथ दिया था, जबकि अमेरिका ने वोटिंग से दूरी बना ली थी.

इंटरनेट पर ब्रिज कोलैप्स के पीछे ISIS के होने की हो रही बात

अन्य लोगों ने 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' ढहने के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया. टक्कर के समय बाल्टीमोर पोर्ट के दो पायलट 'दाली' नाम के जहाज को नियंत्रित कर रहे थे. जहाज पर सिंगापुर का ध्वज लगा था और सिनर्जी मरीन ग्रुप के पास इसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी. सिनर्जी मरीन ग्रुप ने कहा कि दुर्घटना का कारण अभी तक निर्धारित नहीं हो पाया है. चालक दल के 22 सदस्यों में से कोई भी घायल नहीं हुआ. ये सभी भारतीय मूल के थे और जहाज श्रीलंका जा रहा था.

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