scorecardresearch
 

अमेरिका में 20 सितंबर से बैन होंगे Tik Tok और WeChat, ये है वजह

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया जा रहा है, क्योंकि इन ऐप के जरिए अमेरिकी नागरिकों के पर्सनल डेटा चुराए जा रहे हैं.

Advertisement
X
चीन के खिलाफ ट्रंप सरकार की कार्रवाई (फाइल फोटो)
चीन के खिलाफ ट्रंप सरकार की कार्रवाई (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टिकटॉक और वीचैट पर लगेगा प्रतिबंध
  • 20 सितंबर से दोनों ऐप की डाउनलोडिंग होगी बंद
  • अमेरिकी नागरिकों के पर्सनल डेटा चुराने के आरोप

अमेरिका, राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगा रहा है. कॉमर्स डिपार्टमेंट रविवार से यानी कि 20 सितंबर से इन दोनों ऐप की डाउनलोडिंग बैन कर सकता है. अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया जा रहा है, क्योंकि इन ऐप के जरिए अमेरिकी नागरिकों के पर्सनल डेटा चुराए जा रहे हैं. अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को इससे जुड़ा एक आदेश भी जारी किया है. 

Advertisement

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वी चैट और वीडियो ऐप टिक-टॉक को बैन करने की बात कह चुके हैं. ट्रंप का आरोप है कि ऐसे ऐप से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. ट्रंप के इस ऐलान के बाद अमेरिका और चीन में तल्खी और बढ़ गई है. 

वहीं टिकटॉक ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रंप ने फिर से चुनाव जीतने के लिए चीन विरोधी हवा को आग देने के लिए ऐसा किया है. टिकटॉक ने कहा, '3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप दोबरा चुने जाने के लिए जो चीनी विरोधी व्यापक अभियान चला रहे हैं, वह इसी का हिस्सा है.' 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने 6 अगस्त के एक कार्यकारी आदेश में टिकटॉक पर बैन लगाते हुए कहा था कि 90 दिनों के भीतर वह या तो अपना कारोबार अमेरिका से समेट ले या अपना कारोबार किसी अमेरिकी कंपनी को बेच दे. 

Advertisement

फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा हमारे देश की अर्थव्यवस्था को चीन से अलग करने की संभावनाओं पर चर्चा चल रही है. बता दें कि अमेरिकी वस्तुओं का मुख्य खरीददार चीन भी है.

ट्रंप ने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन का अमेरिका के साथ कारोबारी व्यवहार सही नहीं है, इसलिए हम देश की अर्थव्यवस्था को उससे पूरी तरह अलग करने की कोशिश करेंगे.

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीन से कोराबार के दरवाजों को बंद कर दिया है क्योंकि कोरोना जैसी महामारी में चीन की भूमिका और उससे निपटने के उपायों में उसकी असफलता से वो नाराज हैं. दिलचस्प है कि ट्रंप सार्वजनिक तौर पर कोरोना वायरस को चीनी वायरस तक कह चुके हैं.

 

Advertisement
Advertisement