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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने मीटिंग के बाद जिनपिंग को कहा तानाशाह, तो चीन ने दिया मुंहतोड़ जवाब

बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में एशिया पैसिफिक इकॉनोमिक कॉरपोरेशन समिट से इतर हुई. इससे पहले दोनों नेता नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में हुई जी20 समिटि से इतर भी व्यक्तिगत रूप से मिले थे. 

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को बैठक हुई.  दोनों वर्ल्ड लीडर्स के बीच लगभग चार घंटे तक हुई बातचीत पर दुनियाभर की नजरें थीं. लेकिन इसी बैठक के बाद बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह कह दिया, जिस पर अब चीन भड़क गया है.

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बाइडेन और जिनपिंग की बहुप्रतीक्षित बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या वह अभी भी शी जिनपिंग को तानाशाह समझते हैं? तो इस पर बाइडेन ने कहा कि वह यकीनन हैं. 

बाइडेन ने कहा था कि वह एक ऐसे देश की अगुवाई कर रहे हैं, जो कम्युनिस्ट है. इस संदर्भ में वह तानाशाह हैं. चीन की सरकार का कामकाज हमारी सरकार से बिल्कुल अलग है.

बाइडेन के बयान पर भड़का चीन

शी जिनपिंग को तानाशाह कहने के अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बयान को चीन ने पूरी तरह से गलत बताया है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि इस तरह का बयान पूरी तरह से गलत है, जिसे बहुत ही गैरजिम्मेदारी से राजनीतिक मंशा से दिया गया है. चीन इसका पुरजोर विरोध करता है.

उन्होंने कहा कि मैं यह बताना चाहती हूं कि ऐसे कुछ लोग हमेशा होते हैं, जो अपने फायदे के लिए संबंधों को खराब करने की कोशिश करते हैं. वे इस तरह चीन और अमेरिका के संबंधों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे. 

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यह पूछने पर कि उनका इशारा किसकी तरफ है? इस पर निंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच खटास बढ़ाने और दरार डालने की जो भी कोशिश करता है, मुझे लगता है कि वह जानता है. 

बता दें कि बाइडेन ने जिनपिंग के साथ मुलाकात के बाद कहा था कि मैंने राष्ट्रपति शी के साथ बैठकें की. मुझे लगता है कि ये हमारे बीच हुई अब तक की सबसे अधिक निर्णायक और सफल चर्चाएं थीं. 

बाइडेन ने जिनपिंग के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मैंने राष्ट्रपति शी के साथ बैठकें की. मुझे लगता है कि ये हमारे बीच हुई अब तक की सबसे अधिक निर्णायक और सफल चर्चाएं थीं. 

बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में एशिया पैसिफिक इकॉनोमिक कॉरपोरेशन समिट (एपेक समिट) से इतर हुई. इससे पहले दोनों नेता नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में हुई जी20 समिटि से इतर भी व्यक्तिगत रूप से मिले थे. 

यह पहली बार नहीं है कि बाइडेन ने शी जिनपिंग को तानाशाह कहा है. वह इस साल की शुरुआत में भी जिनपिंग को डिक्टेटर कह चुके हैं. यह वह समय था, जब अमेरिका के आसमान में चीन का स्पाई गुब्बारा देखा गया था. 

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दोनों के बीच किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

बाइडेन और जिनपिंग ने सैन फ्रांसिस्को में एक दूसरे से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों से लेकर यूक्रेन युद्ध, मिडिल ईस्ट में तनाव, इंडो पैसिफिक और अन्य जरूरी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. 

बाइडेन और शी जिनपिंग ने मध्य पूर्व और यूक्रेन की स्थिति पर भी बात की. इसके अलावा ईरान के मुद्दे पर भी बात हुई. बाइडेन ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग से ईरान के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ईरान से यह कहने के लिए कहा कि वह मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले नहीं करे. 
 
बैठक के दौरान चीन अमेरिका में अवैध दवा व्यापार में शामिल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमत हुआ. दोनों नेता रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष के नेतृत्व में सैन्य-से-सैन्य स्तर की वार्ता फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए. 

ताइवान के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चर्चा हुई. इस दौरान जिनपिंग ने इसे अमेरिका-चीन संबंधों के लिए सबसे खतरनाक पहलू बताया. जबकि बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यथास्थिति में विश्वास करता है. जिनपिंग ने कहा कि शांति अच्छी है, लेकिन कुछ बिंदु पर उन्हें मुद्दे के समाधान की ओर बढ़ने की जरूरत है. 

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बाइडेन और शी जिनपिंग ने मध्य पूर्व और यूक्रेन की स्थिति पर भी बात की. इसके अलावा ईरान के मुद्दे पर भी बात हुई. बाइडेन ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग से ईरान के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ईरान से यह कहने के लिए कहा कि वह मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले न करे. 

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